रियाद : हाल में सऊदी अरब सरकार की ओर से जारी एक रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं। जनवरी, 2020 के अंत में सऊदी सरकार ने एक रिपोर्ट में बताया था कि देश में हर घंटे में 7 और एक दिन में करीब 168 तलाक के मामले सामने आ रहे हैं। इससे पहले अगस्त, 2019 में देश में किए गए एक सर्वे से सामने आया था कि सऊदी अरब में हर घंटे में 5 तलाक हो रहे हैं।
इस सर्वे से यह बात भी निकल कर सामने आई कि देश में 84 फीसदी तलाक पति और पत्नी के बीच बातचीत न होने की वजह से होते हैं। सर्वे में पति और पत्नी के बीच प्रेम न होना और एक-दूसरे की भावनाओं का ख्याल न रखना भी तलाक की एक बड़ी वजह है। हालांकि देश में तलाक की बढ़ती हुई दर पर सऊदी अरब सरकार ने 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में दोबारा सर्वे कराया तो पता चला कि देश में तलाक की दर काफी बढ़ चुकी है।
ताजा सर्वे के बाद सरकार की रिपोर्ट में बताया गया था कि महज 6 महीने के दौरान सऊदी अरब में तलाक की दर में इजाफा हो गया है और अब हर घंटे 7 तलाक होने लगे हैं। रिपोर्ट में तलाक की बढ़ती दर को समाज के लिए घातक करार देते हुए कहा गया है कि इन तलाक से सबसे ज्यादा नुकसान पति-पत्नी समेत उनके बच्चों और देश की अर्थव्यवस्था को भी हो रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सऊदी अरब में सरकार शादी के लिए कर्ज भी देती रही है, जो कि करीब 24 लाख रुपए तक होता है और पति-पत्नी के अलग होने के बाद यह सरकारी कर्ज नहीं चुकाया जाता है।
वहीं देश में बढ़ती तलाक की दर पर सऊदी अरब की प्रसिद्ध महिला वकील नसरीन अल-गामदी ने कहा है कि पति-पत्नी के बीच उनके परिवार वालों की दखलअंदाजी अभी भी तलाक का सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने कहा सऊदी अरब के परिवारों का पति-पत्नी के बीच दखरअंदाजी करना तलाक की अहम वजह बन रहा है। महज तीन माह में देश भर में 5 हजार तलाक के जो मामले सामने आए हैं इनके कारण बहुत मामूली थे। नसरीन अल-गामदी के मुताबिक सऊदी अरब में बेमेल शादियां, दुल्हन और दूल्हे की आदतों के मेल न खाने समेत कई अन्य पारिवारिक मुद्दे भी तलाक का अहम कारण हैं।