लखनऊ (Uttar Pradesh)। सीएए के विरोध में हुई में लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य शहरों में हिंसा के दौरान तोडफ़ोड़ तथा अन्य नुकसान की भरपाई को लेकर प्रदेश सरकार बेहद गंभीर है। लेकिन, आरोपियों से वसूली के लिए लगे होर्डिंग्स पर अब राजनीति शुरू हो गई है। सपा नेता आईपी सिंह ने दुष्कर्म मामले में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और एक अन्य यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की फोटो वाले बैनर गुरुवार रात लगवाए। ये बैनर योगी सरकार द्वारा लगवाए गए वसूली वाले बैनर-पोस्टर के बगल में लगे हैं। हालांकि, पुलिस ने सुबह तक सभी बैनर पोस्टरों को हटा दिए।
16 मार्च तक हटना था पोस्टर्स
19 दिसंबर, 2019 को लखनऊ में हुई हिंसा में पुलिस ने 57 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोपी बनाया था। इन लोगों के फोटो, नाम और पते के होर्डिंग सार्वजनिक जगहों पर लगाए थे। इसमें इन लोगों से 88 लाख 62 हजार 537 रुपए के नुकसान की भरपाई कराने की बात कही गई थी। मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपियों के बैनर-पोस्टर 16 मार्च से पहले हटाने का आदेश दिया था।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती
योगी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टर के हटाने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में अगले हफ्ते नई बेंच सुनवाई करेगी।