नई दिल्ली. सरकार ने देशभर में जारी लॉकडाउन में एक दिन पहले दी गईं रियायतों को लेकर स्थिति साफ की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रीपेड मोबाइल कनेक्शन को रिचार्ज करने वाली सुविधाएं दी जा सकेंगी। इसी के साथ शहरों में ब्रेड बनाने की फैक्ट्री और आटा मिलें भी खुल सकेंगी। देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन रहेगा, लेकिन 20 अप्रैल से सरकार ने कोरोनावायरस के गैर-कंटेनमेंट इलाकों में कुछ सेवाओं की इजाजत दी थी।
सरकार ने तीन बातों को साफ किया
- जो बुजुर्ग घरों में हैं और बीमार हैं, उनकी देखभाल के लिए आने वालों को लॉकडाउन में छूट रहेगी।
- मोबाइल के प्रीपेड कनेक्शन को रिचार्ज करने की सुविधाएं दी जा सकेंगी
- शहरी इलाकों में ब्रेड बनाने की फैक्ट्रियां, मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, फ्लोर मिलें और दाल मिलें खुल सकेंगी। इन्हें जरूरी सेवाओं के तहत छूट दी गई है।
Union Ministry of Health & Family Welfare (MoHFW) releases guidelines/standard operating procedures for importation of human remains of #COVID19 patients/suspects: MoHFW pic.twitter.com/iZUMKbFLao
— ANI (@ANI) April 21, 2020
सरकार ने कोरोना से मौत होने पर शव लाने के लिए भी गाइडलाइन जारी की
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कोरोना के मरीजों या संदिग्ध मरीजों की मौत के बाद उनके शव विदेश से लाने के मामले में गाइडलाइन जारी की है। इसमें कहा गया है कि ऐसे लोगों के शव को भारत लाने की सलाह नहीं दी जाती। अगर फिर भी शव भारत के किसी भी एयरपोर्ट पर लाया जाता है तो ये चीजें जरूरी होंगी-
- डेथ सर्टिफिकेट जरूरी हाेगा।
- शव भारत लाने के लिए भारतीय दूतावास या उच्चायोग या कॉन्स्यूलेट से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट।
- शव जिस ताबूत में लाया गया है, वह डैमेज नहीं होना चाहिए।
- जो लोग ताबूत को ले जाएंगे, उन्हें 28 दिन की निगरानी में रखा जाएगा।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शव को जलाने के बाद राख से कोई खतरा नहीं होता। इसे इंडियन एयरक्राफ्ट रूल्स 1954 के प्रावधानों के तहत लाया जा सकता है।
(अभी देशभर में लॉकडाउन है और 3 मई तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं)
सरकार टेलिफोनिक सर्वे कराएगी
सरकार ने फैसला किया है कि कोरोनावायरस के लक्षणों के बारे में नागरिकों से फीडबैक लेने के लिए टेलिफोनिक सर्वे कराया जाएगा। एनआईसी की तरफ से यह सर्वे होगा। लोगों के मोबाइल नंबर पर 1921 नंबर से फोन आएगा, जिसमें उन्हें सवालों के जवाब देने होंगे।
गर्भवती महिलाओं में लक्षण नहीं मिलने पर भी उनकी कोरोना जांच होगी
आईसीएमआर ने कहा है कि जिन गर्भवती महिलाओं की 5 दिन के भीतर डिलिवरी होने वाली है और अगर वे कोरोनावायरस के क्लस्टर या कंटेनमेंट एरिया में रह रही हैं या बड़े प्रवासी समूहों में रह रही हैं या हॉटस्पॉट वाले जिलों से निकाले गए लोगों के लिए बने सेंटर्स में रह रही हैं, तो उनकी कोरोना जांच की जाएगी। यह जांच तब भी की जाएगी, जब उनमें कोई लक्षण नजर नहीं आ रहा हो।