कोरोना वायरस फैलने के साथ ही लोग कई तरह की भ्रांतियों के शिकार हो रहे हैं। सामान्य खांसी-जुकाम और बुखार वाले मरीजों का अस्पतालों में तांता लगा हुआ है। लोगों को डर है कि कहीं उन्हें कोरोना तो नहीं हो गया। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कोरोना के संक्रमण और सामान्य खांसी-जुकाम, बुखार में अंतर समझना बेहद जरूरी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, अमेरिका द्वारा इस संबंध में शुक्रवार को जानकारी जारी की गई। इसके जरिये आम व्यक्ति यह जान सकता है कि उसमें दिखाई दे रहे लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण के हैं या सामान्य खांसी-जुकाम, बुखार और एलर्जी के हैं।
इन छह तरीकों से खुद जांचें
1कोरोनो वायरस के लक्षण विशेष रूप से तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ बढ़ने को माना जाता है। सर्दी जुकाम को नहीं।
2आपको बुखार है या नहीं, इसका उत्तर हां या नहीं में देकर, आप कोरोनोवायरस का पता लगा सकते हैं।
3यदि आपको बुखार है, तो क्या आपको सांस की तकलीफ भी है। यदि हां, तो आपको कोरोना वायरस हो सकता है।
4वायरस के अन्य लक्षणों में खांसी-जुकाम, थकान, कमजोरी भी शामिल है। ये भी फ्लू के लक्षण हैं। हालांकि, इनमें लोग विशेषज्ञ की राय लेने के लिए डरते हैं कि वे कोरोनो वायरस से पीड़ित हो सकते हैं।
5संक्रमण के लक्षण दिखने के दो से 14 दिन के बीच मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है।
6जिन्हें लगता है कि वे इन लक्षणों से गुजर रहे हैं उन्हें चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।
अलग से जांच करना ही बेहतर विकल्प : विशेषज्ञ
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के क्लिनिकल प्रोफेसर जॉन स्वाट्र्जबर्ग ने कहा, मुझे लगता कि कोरोना वायरस के संक्रमण को इन्फ्लूएंजा एच-1-एन-1 स्वाइन फ्लू या कुछ अन्य श्वसन रोगों से अलग करना असंभव है। इसलिए पूरी जांच कराना ही बेहतर विकल्प होगा।