अलीगढ़ : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान तारिक को गोली लग गई थी। उसे जेएन मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया था। तारिक की शुक्रवार की रात इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज में जिले के पुलिस प्रशासन समेत लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। मृतक तारिक के पिता ने शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील के साथ जिला प्रशासन से आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में ऊपरकोट कोतवाली पर महिलाओं का प्रदर्शन चल रहा था। इसी दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस और इलाके के लोग आमने-सामने आ गए। पुलिस पर पथराव किए गए और वहां आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया गया था। इस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया। बवाल धीरे-धीरे अन्य इलाकों में फैलते फैलते बाबरी मंडी तक पहुंच गया और वहां पर दो समुदाय के बीच पथराव और फायरिंग शुरू हो गई।
बाबरी मंडी में दोनों ही पक्ष के कई लोग पथराव व गोली लगने से घायल हो गए थे। इनमें तारिक नाम का युवक भी शामिल था। तारिक का उपचार 23 फरवरी से ही जेएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा था। गौरतलब है कि युवक के लिए जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक मदद भी दी गई। इसी दौरान देर रात तक बवाल में आरोपी बनाए गए विनय वार्ष्णेय को पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं पांच अन्य युवक भी गिरफ्तार कर अगले दिन जेल भेजे गए थे। एसपी सिटी अभिषेक कुमार का कहना है कि तारिक़ के गोली लगने की घटना को लेकर परिवार द्वारा तीन लोगों के विरुद्ध नामज़द मुकदमा दर्ज कराया गया था। इनमें से विनय वार्ष्णेय को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अन्य के विरुद्ध भी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।