नए शोधों में यह जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि हो सकता है कि किसी व्यक्ति को संक्रमण के लक्षण नहीं दिख रहे हों, लेकिन तो भी वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। इससे यह उम्मीद जगी है कि मूल रूप से इस वायरस के जितने घातक होने आशंका जाहिर की जा रही थी, उसकी तुलना में यह बहुत कम घातक होगा। मगर, इस रिपोर्ट से यह खतरा भी खड़ा हो गया है कि आपको पता ही नहीं होगा कि आपके आस-पास कौन सा व्यक्ति संक्रमित है।
लिहाजा, दुनिया के कई देशों में जब लॉक डाउन खत्म होने के बाद लोग काम पर वापस जाने या स्कूल-कॉलेज खुलने और सामान्य जीवन पटरी पर वापस लाने के लिए लिए जाने वाले फैसले को यह कठिन बना देगा। ऐसे में यदि इस वायरस का संक्रमण किसी ऐसे व्यक्ति को है, जिसमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं और आप उसके संपर्क में आते हैं, तो आपको संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। लिहाजा, एक बार फिर महामारी के लौटने की आशंका बढ़ सकती है।
पिछले हफ्ते बोस्टन के एक बेघर आश्रय में, एक अमेरिकी नौसेना के विमान वाहक जहाज में, न्यूयॉर्क अस्पताल में गर्भवती महिलाओं, कई यूरोपीय देशों और कैलिफोर्निया से साइलेंट इन्फेक्शन (मूक संक्रमण) की खबरें आई हैं। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के प्रमुख का कहना है कि संक्रमित लोगों में से 25 प्रतिशत लोगों में वायरस के संक्रमण के लक्षण नहीं हो सकते हैं। संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ के उपाध्यक्ष जनरल जॉन हाइटन को लगता है कि सैन्य कर्मियों के बीच यह 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक हो सकता है।
बताते चलें कि कोरोना वायरस की वजह से 20 अप्रैल तक दुनियाभर में 23 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि एक लाख 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दिसंबर में चीन के वुहान शहर से फैलना शुरू हुए इस वायरस ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं और सामाजिक जीवन को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है।
अभी तक ज्ञात मामलों के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि वायरस से संक्रमित होने पर कम या सामान्य फ्लू के जैसी बीमारी के लक्षण दिखते हैं। अब इस बात के भी काफी सबूत सामने आ रहे हैं कि बड़े पैमाने पर लोगों में इस वायरस से संक्रमित होने के लक्षण नहीं दिखते हैं।