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2650 दिन बाद निर्भया को मिला इंसाफ, चारों दोषी फांसी के फंदे पर झूले

निर्भया गैंगरेप के चारों दोषी- पवन, अक्षय, मुकेश और विनय को शुक्रवार तड़के साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। फांसी देने से पहले चारों को मेडिकल किया गया, जिसमें सभी फीट और स्वस्थ थे। जिसके बाद जेल में फांसी की प्रक्रिया पूरी कर उन्हें सजा-ए-मौत दी गई। इस दौरान तिहाड़ जेल को लॉक डाउन कर दिया गया था और जेल के बाहर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।

फांसी के बाद 7 साल से इंसाफ का इंतजार कर रहीं निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि जैसे ही मैं सुप्रीम कोर्ट से लौटी, बेटी की तस्वीर को गले से लगाया और कहा कि आज तुम्हें इंसाफ मिला। आशा देवी ने वकील सीमा कुशवाहा और बहन सुनीता देवी को भी गले लगाया।

हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक से किया इनकार

शुक्रवार की आधी रात को दिल्ली हाईकोर्ट में चली सुनवाई में निर्भया के दोषियों की तरफ से फांसी पर रोक की याचिका लगाकार रोक की मांग की गई। लेकिन, दिल्ली हाईकोर्ट ने किसी तरह की राहत से इनकार किया। उसके बाद निर्भया के गुनहगारों के वकील ने एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं दी आखिरी वक्त में राहत

निर्भया के गुनहगारों को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उसके वकील एपी सिंह ने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। जस्टिस भानुमति की तीन सदस्यीय बेंच में एपी सिंह ने राष्ट्रपति की तरफ से खारिज पवन की दया याचिका और फांसी पर स्टे की मांग की। इसके साथ ही, पवन को नाबालिग साबित करने के लिए कोर्ट के सामने स्कूल सार्टिफेकेट और अटैंडेंस रजिस्टर रखे गए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन चीजों पर पहले ही बहस हो चुकी है।

जस्टिस भानुमति ने एपी सिंह से कहा-आपने अपने बेस्ट दिया

जस्टिस भानुमति की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए एपी सिंह ने कहा कि आपने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। जस्टिस भानुमति ने निर्भया गैंगरेप के दोषियों के वकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- हम इस राय पर पहुंचे हैं कि इस केस में कोई मेरिट नहीं है। जस्टिस भानुमति ने आगे कहा- सुप्रीम कोर्ट ने लगातार इसे बरकार रख है कि राष्ट्रपति की तरफ से दया याचिका खारिज होने के बाद उसकी समक्षी का गुंजाइश कम रह जाती है।

जस्टिस भूषण का वकील एपी सिंह से सवाल

इससे पहले, जस्टिस भूषण ने वकील एपी सिंह से कहा- किस आधार पर फांसी दो दी जा रही है चुनौती?

सुप्रीम कोर्ट के वकील जस्टिस भूषण ने निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की तरफ से फांसी पर रोक को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हु पूछा कि आखिर किस आधार पर वकील एपी सिंह (दोषियों के वकील) ने फांसी की सजा खारिज करने की चुनौती दी है? जस्टिस भूषण ने आगे कहा कि एपी सिंह उन आधार को उठा रहे हैं, जिन पर पहले ही बहस हो चुकी है।

वकील एपी सिंह बोले 2-3 दिन का वक्त मिल जाता

निर्भया गैंगरेप के वकील एपी सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दोषियों की फांसी टालने की सारी कोशिश नाकाम साबित हुई। एपी सिंह ने कोर्ट में जस्टिस के सामने कहा- मैं जानता हूं कि उसे फांसी पर लटका दिया जाएगा लेकिन दो-तीन दिन का वक्त और मिल जाता ताकि पवन का बयान लिया जा सकता।

निर्भया के साथ हुई थी बर्बरता

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 रविवार की रात चलती बस में एक निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब वह फिल्म देखने के बाद अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सवार होकर मुनीरका से द्वारका जा रही थी। उसके बस में बैठते ही लगभग पांच से सात यात्रियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उस बस में और यात्री नहीं थे। उसके मित्र ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने उसके साथ भी मारपीट की और निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद में इन लोगों ने निर्भया और उसके मित्र को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में बस से फेंक दिया।

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