देश में 61 फीसदी लोग मानते हैं कि लॉकडाउन के दौरान महंगाई बढ़ी है और 83 फीसदी लोगों को मोदी सरकार पर भरोसा है कि यह महामारी काे संभालने में कामयाब होगी। 46.7 फीसदी लोगों को लगता है कि कोरोनावायरस का प्रकोप लोगों के लिए प्रकृति का एक संदेश है। ये बातें आईएएनएस सी-वोटर के हालिया सर्वे में सामने आई हैं। टेलीफोनिक साक्षात्कार के आधार पर लोगों की राय जानी गईं। लॉकडाउन की घोषणा के बाद 26 और 27 मार्च को यह सर्वे किया गया था।
प्रकृति के संदेश वाली बात 30 % ने खारिज की
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि कोरोनावायरस का फैलना और पूरी व्यवस्था का अस्थिर हो जाना, क्या यह प्रकृति की ओर से एक संदेश है। इस पर 46.7 फीसदी लोगों ने कहा, हां, यह प्रकृति की ओर से एक संदेश है। वहीं 30.6 फीसदी लोगों ने इस बात को खारिज किया है। 22.7 फीसदी लोगों ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना किया।
28 फीसदी ने माना महंगाई नहीं बढ़ी
जब लोगों से यह पूछा गया कि लॉकडाउन के दौरान महंगाई बढ़ी तो 61 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि हां, ऐसा हुआ है। वहीं, 28.7 फीसदी लोगों की राय है, महंगाई नहीं बढ़ी।
74 फीसदी लोगों को मीडिया से मिल रहीं कोरोना अपडेट
कोरोनावायरस की जानकारी कैसे मिल रही, इस पर 74.1 प्रतिशत लोगों का कहना कि वायरस से जुड़ी जानकारी और अपडेट मीडिया से मिल रहीं। 18.5 फीसदी लोग सोशल मीडिया और 5.2 प्रतिशत सामुदायिक जानकारी पर निर्भर हैं। 67.9 फीसदी लोगों के लिए जानकारी का जरिया टेलीविजन हैं वहीं मात्र 6.2 फीसदी लोग ही समाचार पत्रों से जानकारी ले रहे हैं।
94 फीसदी ने माना उनमें फ्लू के लक्षण नहीं
आईएएनएस सी-वोटर गैलप के सर्वे में 94 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनमें फ्लू के लक्षण जैसे सर्दी-खांसी या बुखार नहीं हैं। वहीं 27 फीसदी लोगों ने माना कि वे घरों में रह रहे हैं।