शिक्षा के साथ स्वास्थ का सन्देश दिया योगी ने
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों,उद्यमियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विद्यालयों को गोद लेकर इनका कायाकल्प किया गया है। अब तक प्रदेश में 92 हजार से अधिक सरकारी प्राथमिक अथवा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का जन सहयोग और सहभागिता के माध्यम से जीर्णोद्धार किया जा चुका है।
भारत की प्राचीन गुरुकल प्रणाली में शिक्षा के साथ स्वास्थ पर भी जोर दिया जाता था। इसमें योग, व्यायाम, युद्ध कौशल आदि भी पाठ्यक्रम में शामिल थे। यह माना जाता था कि अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी सौगात होती है।क्योंकि ऐसा होने से ही व्यक्ति अपने ज्ञान व कर्तव्यों का सम्यक प्रयोग कर सकता है। शरीर ही माध्यम होता है। ब्रिटिश दासता के दौर में स्थिति ज्यादा खराब हुई। शिक्षा में नैतिकता व स्वास्थ्य जागरूकता का बोध नदारत हो गया। शिक्षा केवल नौकरी के उद्देश्य तक सिमट कर रह गई। सत्तर वर्षों तक ऐसी ही व्यवस्था चलती रही। अब धीरे धीरे सुधार किया जा रहा है। विश्व योग दिवस इसी दिशा में एक पड़ाव था। विद्यर्थियो में इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है। बढ़नी भी चाहिए। यह उन्हें स्वस्थ रखने,सकारात्मक सोचने में सहायक है।
इसके बाद खेलो इंडिया,फिट इंडिया,अभियान चलाए गए। सुपोषण पर ध्यान केंद्रित किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास में बच्चों के लिए सुपोषण अभियान की शुरुआत की थी। गोरखपुर में सहजनवां ब्लाॅक के जुड़ियान गांव में गवर्नमेण्ट प्राइमरी विद्यालय का लोकार्पण अवसर पर भी योगी ने इन्हीं बातों पर जोर दिया। उन्होंने विद्यालय के आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों का अन्नप्राशन कराया। इस अन्नप्राशन का उद्देश्य केवल औपचारिकता के निर्वाह हेतु नहीं था। वस्तुतः योगी आदित्यनाथ इसके माध्यम से स्वास्थ्य और सुपोषण का सन्देश देते है। इस प्रकार वह फिट इंडिया अभियान को आगे बढ़ा रहे है।
इण्डिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड गीडा द्वारा इस प्राथमिक विद्यालय का जीर्णोद्धार कराया गया है। योगी ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में गरीब बच्चे पढ़ते है। इन विद्यालयों की स्थिति में बदलाव करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, किन्तु जनप्रतिनिधियों,उद्यमियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विद्यालयों को गोद लेकर इनका कायाकल्प किया गया है। अब तक प्रदेश में वानवे हजार से अधिक सरकारी प्राथमिक अथवा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का जन सहयोग और सहभागिता के माध्यम से जीर्णोद्धार किया जा चुका है। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन बच्चों को स्कूलों में बैग, यूनिफाॅर्म, जूते, स्वेटर आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता के दृष्टिगत शिक्षकों की संख्या भी बढ़ायी जा रही है। प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अप्रैल माह में स्कूल चलो अभियान चलेगा। यह प्रयास होगा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे। विद्यालयों के कायाकल्प में सभी की सहभागिता होनी चाहिए।