प्रज्ञा कक्ष का सार्थक उद्घाटन
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
प्रायः किसी कक्ष का उद्घाटन संबंधित समारोह तक ही सीमित रहता है। लेकिन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इसमें नया आयाम जोड़ा। उन्होंने राजभवन निर्मित एक कक्ष का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण बैठक के साथ किया। उनके निर्देश पर इसका नामकरण भारतीय संस्कृति के अनुरूप प्रज्ञा कक्ष किया गया।
यहीं पर राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश पुलिस एवं आम्र्ड फोर्सेज सहायता संस्थान, लखनऊ की प्रबंध समिति की सैंतीसवीं बैठक की अध्यक्षता की। राज्यपाल इस संस्था के पदेन अध्य्क्ष होते है। आनन्दी बेन पटेल ने यहां शहीदों की पत्नियों को सम्बोधित किया। कहा कि उनको अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष धयान देना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा घोषित की जाने वाली सहायता राशि लाभार्थियों को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि कमाने वाले के चले जाने का दुःख तो सबको होता है लेकिन जिन्दगी फिर भी चलती रहती है। ऐसे में आप लोगों का यह कर्तव्य है कि अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुये इनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। राज्यपाल के प्रस्ताव पर सैन्य एवं अर्द्ध सैन्य बल के तथा पुलिस कार्मिकों के बच्चों की शिक्षा हेतु प्रदान की जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी की गयी है। इसमें स्नातक,परास्नातक और रोजगार परक कोर्स स्तर के विद्यार्थियों को दी जाने वाली धनराशि में दस हजार से लेकर दोगुनी तक बढोत्तरी की गई। शहीदों की विधवाओं को अध्ययन या व्यावसायिक प्रशिक्षण हेतु निःशुल्क सुविधा प्रदान की जाएगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस,आम्र्ड फोर्सेज सहायता संस्थान की ओर से राज्यपाल ने तैतालिस शहीद पुलिस, सैनिक,अर्द्धसैनिक बल के परिजनों को तीन तीन लाख रूपये की फिक्सड डिपाजिट सौंपे। प्रदेश पुलिस बल से पांच परिवारों को कुल रूपये एक करोड़ उनतीस लाख की धनराशि की फिक्सड डिपाजिट प्रदान किये गए। जाहिर है कि प्रज्ञा कक्ष की यह पहली बैठक मानवीय व प्रसासनिक रूप से बहुत सार्थक रही।