सार्थक रही डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
यह आशंका थी कि ट्रम्प के कार्यकाल में भारत अमेरिका संबंधो में पहले जैसी गर्मजोशी नहीं रहेगी। उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री ने इसे बेहतर मुकाम तक पहुंचाया था।
लेकिन यह आशंका निर्मूल साबित हुई। नरेंद्र मोदी ने ओबामा के समय हुई सहमति को दृढ़ता पूर्वक आगे बढ़ाया। ट्रम्प ने इस तथ्य को समझा। इसीलिए उन्होंने कहा था कि मोदी भारतीय हितों के कठोर बार्गेनर है। वह भारत के हितों को सर्वोच्च मानकर चलते है। मोदी के प्रयास सफल रहे।
ट्रम्प ने भी भारत के साथ संबंधो में गर्मजोशी कम नहीं होने दी। यह सही है कि कई बार उनके बयान कुछ अटपटे होते थे। लेकिन इसे उनकी सामान्य फितरत माना गया। नीतिगत मसलों पर उसका असर नहीं पड़ा। इधर मोदी ने भी राष्ट्रीय हितों के अनुरूप धैर्य से काम लिया।
यही कारण है कि ट्रम्प की भारतीय यात्रा से आपसी रिश्ते मजबूत हुए है। दोनों देशों के बीच तीन बिलियन डॉलर से अधिक की रक्षा डील हुई। अपाचे और एमएच सिक्सटी रोमियो हेलीकॉप्टर सहित दुनिया में बेहतरीन उन्नत अमेरिकी सैन्य उपकरणों के तीन बिलियन डॉलर से अधिक की खरीद के लिए भारत के साथ समझौते हुए।इससे दोनों देशों की संयुक्त रक्षा क्षमता मजबूत होगी।
नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हैदराबाद हाउस में व्यापक वार्ता हुई। जिसमें रक्षा,सुरक्षा,व्यापार, निवेश,स्वास्थ आदि अनेक प्रमुख विषय व्यापक रूप में शामिल थे। साझा बयान में भी सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का मंसूबा व्यक्त किया गया। इसके अलावा दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर सहमति कायम की जाएगी। भारत द्वारा अमेरिका से ट्वेंटी फ़ॉर एमएच सिक्सटी रोमियो हेलीकाप्टर की करीब ढाई अरब अमेरिकी डालर में खरीद शामिल है। छह एएच सिक्सटी फ़ॉर ई अपाचे हेलीकाप्टर के लिये अस्सी करोड़ डालर का समझौता हुआ। अमेरिका तेल और गैस की आपूर्ति भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए बड़ी ट्रेड डील वार्ता पर सहमति बनी। अमेरिका संतुलित व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध है।
हेल्थ के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच करार हुआ है। दोनों देशों के बीच ट्रेड समझौते पर वार्ता होगी,यह दोनों देशों में निवेश करने को काफी आसान बना देगा। आशा है कि अमेरिका अभी तक का सबसे बड़ा ट्रेड भारत के साथ ही करेगा।
भारत में अमेरिकी निर्यात लगभग साठ प्रतिशत व अमेरिकी ऊर्जा का निर्यात पांच सौ प्रतिशत तक बढ़ा है। सुरक्षित फाइव जी वायरलेस नेटवर्क पर भी वार्ता हुई है। अमेरिका के सांसदों के एक समूह ने ट्रम्प की यात्रा को बहुत उपयोगी बताया है। यह भारत और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी साबित हुई है।सीनेटर टेड क्रूज ने भारत को अमेरिका का मित्र और सहयोगी बताया। दोनों देश राष्ट्रीय सुरक्षा,शांति और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए संयुक्त रूप से आगे बढ़ सकते है।
ऐसे ही विचार सांसद पीट ओल्सन ने व्यक्त किये। कहा कि भारत कारोबार और कूटनीति दोनों ही मामलों में अमेरिका का सबसे बड़ा साझेदार है। दोनों देशों ने आतंकवाद का समर्थन करने वालों की निंदा की। उनको जिम्मेदार बनाने के प्रयासों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। भारत व अमेरिका की साझेदारी महत्वपूर्ण है। यह रक्षा,सुरक्षा,ऊर्जा रणनीतिक साझेदारी, व्यापार व लोगों से लोगों के संबंध तक विस्तृत है। चिकित्सा उत्पादों की सुरक्षा के विषय पर भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। इसमें भारत की ओर से सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन तथा अमेरिका का फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन शीर्ष संस्था है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन एवं एक्जान मोबिल इंडिया एलएनजी लिमिटेड तथा चार्ट इंडस्ट्रीज आईएनसी के बीच सहयोग पत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने अपने संबंधों को समग्र वैश्विक सामरिक गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है। जाहिर है कि डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा सार्थक साबित हुई।
इससे दोनों देशों के आपसी सहयोग मजबूत हुए है।