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पहलगाम पर बड़ा एक्शन: भाजपा नेता ने भोपाल में दिया था संकेत

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पहलगाम पर बड़ा एक्शन: भाजपा नेता ने भोपाल में दे दिया था बड़ा संकेत

वरिष्ठ पत्रकार रंजन श्रीवास्तव

तारीख: 5 मई। स्थान: राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल का सभागार। कार्यक्रम: स्वर्गीय विजेश लुनावत चतुर्थ पुण्य तिथि समारोह। मुख्य वक्ता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश। 

देश की राजनीतिक परिस्थितियों और राजनीतिक दलों के विषय पर बोलते हुए राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री ने भाजपा को अन्य दलों की अपेक्षा राष्ट्रवादी और बेहतर दल बताया। इसी कड़ी में आतंकवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि “370 हटा, ये हुआ वो हुआ सारी बातें हुईं। और पहलगाम का भी कुछ दिन में सुनने को मिलेगा कि जो देश चाहता है वैसा हो गया”। 

वो यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि 2 -4 दिनों में ही आप राफेल को भी उतरते देखेंगे। और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री के बयान के 30 घंटों के अंदर ही भारतीय सशस्त्र बलों ने अपने अप्रतिम शौर्य का परिचय देते हुए पाकिस्तान के अंदर जा कर 9 स्थानों पर आतंकियों के अड्डों को नष्ट कर दिया और पहलगाम का बदला ले लिया। 

यह एक्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि 1971 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर जाकर इतनी जगहों पर आतंकियों के अड्डों पर हमला किया और ना सिर्फ पहलगाम में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय निवासी की नृशंस हत्या का बदला लिया बल्कि पाकिस्तान सहित पूरे विश्व को यह सन्देश दिया कि भारत आतंकवाद पर अब चुप नहीं बैठेगा बल्कि आतंकवाद पर कठोर से कठोर कार्रवाई करेगा भले ही विश्व के अन्य देश धैर्य बनाये रखने का सन्देश देते रहें। 

हर हमले की घटना के बाद पाकिस्तान का रटा रटाया राग रहता है कि वह आतंकवादियों को ना तो पनाह देता है और ना ही किसी आतंकवादी घटना के पीछे उसका हाथ है जबकि भारत पाकिस्तान को और विश्व को भी आतंकवादियों से पाकिस्तान के गहरे सम्बन्ध का सबूत देता रहा है। 

यह विश्व को पता है कि भारत का मोस्ट वांटेड टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम नाम बदलकर अपने गुर्गों के साथ पाकिस्तान में ही रहता है। मुंबई की आतंकी घटना में पाकिस्तान के आतंकवादियों का होना सबके सामने था पर पाकिस्तान बहुत ही ढिठाई से आतंकवादियों से अपने सम्बन्ध को नकारता रहा इसके बावजूद कि जिन्दा पकड़ा गया आतंकवादी अजमल कसाब ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान का ही नागरिक है और बाद में इस बात के पुख्ता सबूत भी मिले। 

वस्तुतः अमेरिका की आतंकवाद पर दोगली नीति और चीन के शह के चलते पाकिस्तान को इस बात का हमेशा विश्वास रहा है कि भारत उसके खिलाफ कुछ भी कार्रवाई नहीं करेगा या नहीं करने पायेगा। 

अमेरिका की आंख खुल जानी चाहिए थी जब आतंकवादियों और अल क़ाएदा का सरगना ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में और वो भी एक सैन्य ठिकाने के पास रहता हुआ पाया गया और जब अमेरिका ने देख लिया कि पाकिस्तान उससे भी झूठ बोल रहा है तो चुपके से पाकिस्तान को बिना बताये अमेरिका ने अपने नेवी सील टीम की मदद से ओसामा का सफाया कर दिया। 

अल क़ाएदा 11 सितंबर, 2001 को अमरीका के न्यूयार्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर पर हमले के सहित कई देशों में आतंकी हमलों का दोषी है। 

इस घटना के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व को एकजुट होकर लड़ने की बात की पर उसके बावजूद भी पिछले लगभग एक सदी के चौथाई समय यानि कि लगभग 25 वर्षों में भी आतंकवाद पर अमेरिका की दोगली नीति जारी है और पाकिस्तान के खिलाफ कभी कभार थोड़ी बहुत कागजों पर कार्रवाई के अतिरिक्त अमेरिका ने पाकिस्तान से आतंक की फैक्ट्री को ख़त्म करने का कभी गंभीर प्रयास नहीं किया। 

पहलगाम की घटना के बाद भी अमेरिका ने इसी दोगली नीति का परिचय दिया और तुरंत भारत को संयम रखने और विश्व के इस भूभाग में शांति बनाये रखने का उपदेश दिया

इस बात को कहकर कि पाकिस्तान और भारत के बीच सैकड़ों सालों से संघर्ष चल रहा है (जबकि पाकिस्तान को बने लगभग 75 वर्ष ही हुए हैं) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहलगाम की अति गंभीर घटना को भी महत्वहीन दिखाने की कोशिश की। 

हर आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान विक्टिम कार्ड खेलता है और भारत को पाकिस्तान में आतंक का समर्थक बताता रहा है जबकि भारत ने विश्व मंचों पर इस बात को जोर जोर से बताया है कि और वो भी सबूतों के साथ कि पाकिस्तान विश्व भर के आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगार है। 

कई आतंकवादी जिनको अमेरिका भी आतंकवादी घोषित कर चुका है वे पाकिस्तान में आर्मी और आईएसआई (ISI) के संरक्षण में अपने ऑपरेशन को अंजाम देते रहते हैं। पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई (ISI) का कब्ज़ा पाकिस्तान देश पर और उसकी सरकार पर तभी तक है जब तक पाकिस्तान के अंदर अशांति है और वहां गरीबी और भूखमरी है और साथ में पाकिस्तान और भारत के बीच हमेशा तनाव बना रहे। 

इस अशांति और तनाव को पैदा करने का काम वे आतंकवादी संगठन करते हैं जिनको पाकिस्तान की आर्मी बिरयानी खिलाकर पाल रही है। 

6 मई की रात भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान और उसके आतंकवादी संगठनों को सबक सिखाने का काम किया है वह भारत की विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा की नीति में एक टर्निंग पॉइंट है आने वाले समय के लिए। 

पाकिस्तान की आर्मी अपनी खीझ मिटाने के लिए छोटा बड़ा हमला करने की कोशिश जरूर करेगी पर उसको यह याद रखना होगा कि अगर 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए थे तो अब चार टुकड़े भी हो सकते हैं और इसके लिए पाकिस्तान के अंदर ही ऐसा माहौल है जिससे भारत को यह काम करने में आसानी होगी।

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