बकाये वेतन के लिए क्यों न कुर्क हो कृषि विभाग का खाता : हाईकोर्ट
आगरा के पंचम सिंह ने दाखिल की थी याचिका, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव से जवाबी हलफनामा तलब
प्रयागराज।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृषि विभाग के प्रमुख सचिव से पूछा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाये वेतन भुगतान के लिए क्यों न विभाग का खाता कुर्क किया जाए? यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की अदालत ने आगरा के पंचम दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
याची के अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र ने दलील दी कि याची को कृषि विभाग में समायोजित किया गया है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद भी अब तक वेतन भुगतान नहीं किया गया। इसी तरह के तमाम सेवानिवृत्त कर्मचारियों का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
इससे पहले कोर्ट ने एक अन्य मामले में फंड की कमी से जूझ रहे उप्र. राज्य कृषि औद्योगिक निगम लिमिटेड को याची कर्मचारी के सेवानिवृत्ति का भुगतान करने के लिए 15 दिन के भीतर परिलाभों को देने की मोहलत दी थी। उक्त याचिका में निगम के मुख्य महाप्रबंधक ने कोर्ट को बताया था कि निगम के खिलाफ 170 याचिकाएं एवं 42 अवमानना याचिकाएं विचाराधीन हैं। निगम के पास फंड नहीं है। वह चाहते हुए भी कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर पा रहे हैं। इस दलील पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव वित्त से हलफनामा तलब कर जानकारी मांगी थी।
जवाब दाखिल करने के लिए 7 नवंबर तक का दिया समयः अपर मुख्य सचिव
वित्त विभाग ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि उप्र राज्य कृषि औद्योगिक निगम लिमिटेड के कर्मचारियों के बकाये भुगतान के लिए वर्ष 2024-25 को 445 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके लिए 26 अक्तूबर 24 को बैठक की गई है। हालांकि, विभाग फंड की कमी से जूझ रहा है। अब कोर्ट ने कृषि विभाग के प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब कर 7 नवंबर तक पूछा है कि सेवानिवृत कर्मचारियों के बकाये वेतन के लिए क्यों न विभाग का खाता कुर्क किया जाए?
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