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अंजूलता कटियार को मिली जमानत

यूपी लोक सेवा आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार को मिली जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पूर्व परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उन्हें एक लाख की जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और ट्रायल कोर्ट ने इसका संज्ञान भी ले लिया है । इसका लाभ देते हुए उन्हें जमानत दी जा रही है।


कोर्ट ने कहा कि, ट्रायल कोर्ट एक वर्ष के अंदर इस मामले का ट्रायल पूरा करेगी। यह आदेश अंजूलता कटियार की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रमेश सिन्हा की एकलपीठ ने दिया है। पीसीएस अधिकारी अंजूलता कटियार 30 मई 2019 से वाराणसी जेल में बंद हैं। एसटीएफ ने अंजूलता कटियार को एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा 2018 के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी होने और जेल भेजे जाने के बाद शासन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था।
अंजू लता कटियार यूपी पीसीएस की टॉपर भी रही हैं। गौरतलब है कि, यूपी एसटीएफ ने यूपीपीएससी द्वारा आयोजित की गई एलटी ग्रेड भर्ती परीक्षा 2018 पेपर लीक मामले में कोलकाता के एक प्रेस मालिक कौशिक कुमार को 28 मई 2019 को वाराणसी से गिरफ्तार किया था। बाद में उसके बयानों के आधार पर यूपी एसटीएफ ने पूर्व परीक्षा नियंत्रक के आवास और कार्यालय में 28 मई की रात दो बजे छापेमारी की कार्रवाई की थी।
इसके बाद उन्हें 30 मई को उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उन्हें वाराणसी की कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम वाराणसी की कोर्ट से 6 जून को जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अंजू कटियार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी।


अंजू कटियार की पहली जमानत अर्जी इससे पूर्व हाईकोर्ट ने 25 जुलाई 2019 को खारिज कर दी थी। इसके बाद दोबारा जमानत अर्जी दाखिल कर कहा गया कि पूर्व में जब जमानत याचिका दाखिल की गई थी उस समय मुकदमे की जांच लंबित थी। अब जांच एजेंसी ने जांच पूरी कर चार सीट कोर्ट में दाखिल कर दी है और अदालत ने उस पर संज्ञान ले लिया है मुकदमे का ट्रायल लंबित है याची के अधिवक्ता का यह भी कहना था कि याची एक महिला है, जिसके दो छोटे बच्चे हैं वह लंबे समय से जेल में बंद है तथा उसकी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए उसको जमानत पर रिहा किया जाए। कोर्ट ने इन तथ्यों के मद्देनजर अंजू कटियार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

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