प्रयागराज।
भारतेंदु हरिश्चंद्र जयंती के अवसर पर “माध्यम रंगमंडल” की ओर से परिचर्चा व नाट्यपाठ का आयोजन तमन्ना संस्थान में किया गया जिसमें “भारतेंदु हरिश्चंद्र और उनकी रचनाधर्मिता” विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे । वरिष्ठ निर्देशक व संस्था के सांस्कृतिक सचिव अशोक शुक्ला ने कहा भारतेंदु ने अनेक विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई, उन्होंने निबंध, नाटक व काव्य की रचना की तथा अनेक नाटकों का अनुवाद भी किया । उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को जागृत किया ।
संस्था के सचिव वरिष्ठ रंगकर्मी विनय श्रीवास्तव ने कहा भारतेंदु जी की रचनाधर्मिता को लोकजागरण कहा जा सकता है । उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से आमजन की इच्छाओं और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त किया । वरिष्ठ लेखक अभिनेता सुधीर सिन्हा ने कहा कि भारतेंदु ने हिंदी की प्रत्येक विधा पर अपनी लेखनी चलाई जिसके लिए हिंदी जगत सदैव उनका ऋणी रहेगा । रंगकर्मी अनुज कुमार ने भारतेंदु को आधुनिकता का पहला रचनाकार बताते हुए कहा कि भारतेंदु ने अपने नाटकों के माध्यम से लोगों को जागृत किया ।
रंगकर्मी राहुल बरन ने भारतेंदु को महान नाटककार बताया और कहा कि उन्होंने कम उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की तथा समाज को नई दिशा दी । रीता त्रिपाठी ने कहा भारतेंदु ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों में नव चेतना का संचार किया । इस अवसर पर भारतेंदु कृत “श्री चन्द्रावली नाटिका” का पाठ विनय, राहुल, अनुज, अशोक शुक्ला द्वारा किया गया । परिचर्चा में अखिलेश, अंशु श्रीवास्तव, प्रतिभा, शोभा, ओम तथा संस्थान के छात्र-छात्राएं शामिल रहे ।