भूतत्व संबन्धी सुधार
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
योगी सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जमीन उपलब्ध कराने पर तेजी से कार्य करती है। यही कारण है कि अनेक एक्सप्रेस वे,मेडिकल कॉलेज,एयरपोर्ट सहित निवेश प्रस्तावों के निर्माण का मार्ग समय से प्रशस्त हुआ है। इस हफ्ते कैबिनेट ने ढांचागत विकास हेतु जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय हुआ। इसके अलावा सरकार भूतत्व व्यवस्था में भी आवश्यक संसोधन किया है। इससे कई प्रकार की कठिनाइयों का निवारण होगा। साथ ही विकास को गति मिलेगी।
योगी कैबिनेट ने फतेहपुर के ग्राम मधुपुरी पांच एकड़ से अधिक निशुल्क भूमि नए केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु भारत सरकार के पक्ष में हस्तान्तरण करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान दी। गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निर्माण हेतु द्वितीय पुनरीक्षित अनुमोदित लागत मंजूर की। लोक निर्माण विभाग द्वारा अनावासीय भवनों हेतु निर्धारित एल्युमिनियम फ्रेम वर्क,स्ट्रक्चरल ग्लेजिंग,एसीपी पैनलिंग, ग्रेनाइट वाॅल क्लेडिंग आदि के प्रयोग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली के प्रख्यापन को मंजूरी प्रदान कर दी है। जिला खनिज फाउण्डेशन न्यासों की संरचना व कार्यों का विनियमन करने तथा खनन क्रियाकलापों के प्रभावित क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी क्रियाकलाप सम्पादित करने की राीति जनपद स्तर पर गठित न्यास के कार्याें के निस्तारण का अधिकार प्रबन्ध समिति में निहित होता है। जिसका अध्यक्ष सम्बन्धित जिलाधिकारी होता है। न्यास का उद्देश्य जनपद स्तर पर खनन से प्रभावित लोगों के पर्यावरण स्वास्थ्य और सामाजिक,आर्थिक व्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को न्यून करना तथा उसमें कमी लाना होता है।
नियमावली में उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों व मदों पर न्यास निधि की कम से कम स साठ प्रतिशत व अन्य पर शेष चल प्रतिशत धनराशि व्यय किये जाने का प्राविधान है। पर्यावरण संरक्षण,प्रदूषण नियंत्रण के उपाय भी सुनिश्चित किये जायेंगे। वैज्ञानिक ढंग से खनिज क्षेत्रों का अध्ययन किया जाएगा।इसकी सर्वेक्षण रिपोर्ट पर क्रियान्वयन किया जाएगा। जिससे प्रदूषण नियंत्रण व पर्यावरण के अनुकूल सहनीय खान विकास हो सके। अवैध खनन व परिवहन को नियंत्रित किया जाएगा।
आवश्यक तकनीकी अवसंरचना,अपेक्षित उपकरण,कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए न्यास निधि से जनपद स्तर पर व्यय किय हेतु यह नियमावली प्रख्यापित की गयी है। पहले प्रदेश में भवनों के निर्माण तथा विकास परियोजनाओं के स्थापना के अवसर पर खुदाई के दौरान निकलने वाले उपखनिजों के निस्तारण हेतु प्राविधान नहीं रहा है। इसमें संशोधन किया गया।
इस नियम के अनुसार उत्खनित उपखनिजों का निस्तारण जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियमावली में निर्धारित रायल्टी दर पर निर्गत अनुज्ञा पत्र के आधार पर उसकी शर्ताें के अनुसार किया जाएगा। यह प्रावधान से गैर वाणिज्यिक तथा निजी आवासीय भवन लागू नहीं होंगे। उद्योगों के प्रोत्साहन,भवन निर्माण व विकास परियोजनाओं को गति प्रदान, जनसामान्य में उपखनिजों की उपलब्धता बढ़ाने के साथ साथ राजस्व प्राप्ति के लिए यह व्यवस्था की गई है।