पुलिस अफसरों की जांच में नहीं मिला विस्फोटक पदार्थ
वकील को घायल होने की बात को बताया बेबुनियाद
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।
कचहरी परिषद की सुरक्षा को लेकर लखनऊ पुलिस हर समय अलर्ट होने का दावा कर रही है, वही कुछ लोगों ने गुरुवार को पूरे कचहरी परिसर में दहशत फैला दी।
कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए वजीरगंज स्थित कोर्ट परिसर में एक शख्स सुतली बम से एक वकील संजीव लोधी पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
वहीं पुलिस अफसरों का दावा है कि वकीलों के दो गुटों में चल रही आपसी रंजिश का मामला सामने आ रहा है और किसी को भी किसी तरह की चोट लगने की बात बेबुनियाद साबित हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में गहन छानबीन की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जांच में कोई विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला। वही अधिवक्ताओं ने के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया।
सुरक्षा भगवान भरोसे
परिसर से पार्किंग तक सब असुरक्षित है। कचहरी परिसर में हम धमाके की बात करें तो यह कोई नई बात नहीं है, इससे पूर्व नजर डालें तो 27 फरवरी 2007 को दो आतंकवादी भाग निकले थे।
2007 में ही 23 नवंबर को कचहरी में हुए बम धमाके ने सब को हिला कर रख दिया था।
ये वह घटनाएं थी, चीन के बाद प्रशासन व पुलिस ने कचहरी परिसर की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए।
मेटल डिटेक्टर डोर लगाए जाने के साथ ही चेकिंग बढ़ाई गई, लेकिन कुछ ही महीनों बाद सारी कवायद ठप पड़ गई।
2007 के बाद एक बार ठीक 2020 यानी 13 फरवरी को कचहरी में कथित बम धमाका होने के बाद यहां की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों से घिर गई।
बम धमाके के बाद वकील भी इसे लेकर आक्रोशित हैं।
लोगों का कहना है कि प्रशासन फिर किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है।
वही पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे का कहना है कि कचहरी परिसर की सुरक्षा के लिए कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे और वहां पर भारी पुलिस बल और तैनात किए जाएंगे ताकि कोई संदिग्ध व्यक्त किसी तरह हरकत न कर सके। फिलहाल कचहरी की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। बताया जा रहा है कि पार्किंग में रोजाना 4000 से अधिक वाहन खड़े होते हैं वही भारी मात्रा में वकीलों व कर्मचारियों का आना जाना रहता है।