डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ।
श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने डा. जशभाई पटेल द्वारा गुजराती भाषा में लिखित पुस्तक आपणो भेरूबंध नरेन्द्र मोदी का हिन्दी में अनूदित पुस्तक अपना दोस्त नरेन्द्र मोदी का आज राजभवन में विमोचन किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।
मोदी के जीवन प्रसंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजनीतिक मतभेद हो सकते है। प्रजातंत्र में यह स्वभाविक भी है। हकीकत यह कि मोदी पर जितने राजनीतिक हमले हुए है, उतने किसी अन्य नेता को झेलने नहीं पड़े। यह क्रम आज तक जारी है। लेकिन इसमें सन्देह नहीं कि नरेंद्र मोदी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित किया है। जहां परिवारवाद के प्रति आशक्ति रखने वाले बेशुमार नेता है, वहां नरेंद्र मोदी अलग नजर आते है। इस रूप में उन्हें राजनीतिक संत कहा जा सकता है। उनका परिवार है, बचपन के अनेक मित्र है। लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री रहते हुए किसी को अनुचित या नियम विरुद्ध लाभ नहीं पहुंचाया। जब वह मुख्यमंत्री थे,तब उनकी भतीजी ने प्रायमरी शिक्षक चयन में उनसे सहायता का आग्रह किया था। मोदी ने इसे स्वीकार नहीं किया। चाचा का कर्तव्य निभाया। भतीजी को एक सौ एक रुपये दिए। मुख्यमंत्री का कर्तव्य निभाते हुए कहा कि तुम्हें गुजरात के अन्य अभ्यर्थियों की तरह चयन प्रक्रिया में शामिल होना पड़ेगा। यदि तुम्हारी योग्यता प्रमाणित हुई,तो चयन होगा, अन्यथा नहीं। उनका यह समाज जीवन बिल्कुल अलग है। इसलिए वह अलग नजर आते है।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने डॉ जशभाई पटेल द्वारा गुजराती भाषा में लिखित पुस्तक आपणो भेरूबंध नरेन्द्र मोदी का हिन्दी में अनूदित पुस्तक अपना दोस्त नरेन्द्र मोदी का आज राजभवन में विमोचन किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा भी मौजूद थे। इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के जीवन के रोचक व प्रेरणा दायक प्रसंगों का वर्णन है