एन सी अग्रवाल की मांग है कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तिथियों को बढ़ाए
प्रयागराज।
आयकर अधिनियम अत्यधिक तीव्रता से बदलने वाला अधिनियम हैं जो इस 2821 21 स्पष्ट है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री के द्वारा प्रस्तुत बजट में प्रति वर्ष परिवर्तन किये जाते हैं।
वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट एन सी अग्रवाल का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में चेरिटेबल संस्थाओं के प्रावधानों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गए हैं। यह सभी संशोधन, इन संस्थाओं के माध्यम से कर अपवंचन को रोकना है। वैधानिक प्रावधानों के साथ आयकर नियमों एवं प्रपत्रों में भी आमूल परिवर्तन किये गये है। इन संस्थाओं की अंकेक्षण आख्या फार्म 10बी एवं 10 बीबी भेट निर्गत की जाती है, जिसे 1.4.2023 से बहुत विस्तृत कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 की आख्या नये प्रारूप में दी जाती है। परन्तु इनकी यूटिलिटी (जो 1.4.23 की उपलब्ध हो जानी चाहिए) नहीं है। अभी तक विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है।
आयकर विवरणी आईटी आर-7 में जमा होनी है, अंकेक्षण आख्या 30. 9 2023 तक तथा 9 ए/10 फार्म 31.8. 23 तक अनिवार्य रूप से जमा करने होंगे, अन्यथा आयकर अधिनियम के अर्न्तर्गत छूट अनुमन्य नहीं होगी।
एन सी अग्रवाल की मांग है कि ऐसी परिस्थिति में केन्द्रीय वित्त मंत्री से आग्रह है कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को इन तिथियों को बढ़ाने के आदेश देने की कृपा करें। यह भी उचित होगा कि सभी आयकर विवरणी जमा करने की तिथियों को न्याय संगत बनाये जिससे विवरणी जमा करने हेतु व्यावहारिक रूप से उचित समय मिल सके। जहाँ एक तरफ ए आई से सुविधा मिली हैं, वही दूसरी कर ओर कार्यावधि बढ़ाई भी है। अत: निर्धारित तिथियां एक माह तीन माह तक बढ़ाई जानी चाहिए।