प्रयागराज। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर यूपी पुलिस की कार्रवाई और लाठीचार्ज पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट ने योगी सरकार को नोटिस जारी कर अखबारों में छप रही ऐसी घटनाओं पर जवाब मांगा है।
मुंबई के एक अधिवक्ता अमित कुमार द्वारा ईमेल के जरिए भेजे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तिथि नियत की है। अधिवक्ता अमित कुमार द्वारा भेजे गए ईमेल में न्यूयॉर्क टाइम्स और द टेलीग्राफ में प्रकाशित समाचारों का हवाला दिया है जिसमें यूपी पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों पर बर्बर बर्ताव करने का आरोप लगाया गया है ।
पत्र में कहा गया है कि देश की छवि पूरी दुनिया में ख़राब हो रही है। पत्र में इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर जिसमें मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में बच्चों की निर्मम पिटाई का हवाला दिया गया है। पीठ ने हाइकोर्ट के अधिवक्ता फरमान नकवी और रमेश कुमार यादव को याचिका में न्याय मित्र नियुक्त किया है हाईकोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि सभी संबंधित दस्तावेज न्याय मित्रों को उपलब्ध करा दिया जाए याचिका पर 16 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।