(अमृत कलश: 5) रंजन श्रीवास्तव/ भोपाल आपकी बात: 5 “हे सरकार ! प्रदेश को जंगल राज बनने से रोकिये…!” कुछ दिनों पहले इंदौर में जो घटना घटित हुई वह सत्ताजनित रोग का एक ज्वलंत उदहारण है। बहुत सी ऐसी घटनाएं पहले भी घटित हुई होंगी। उन घटनाओं में और इस ...
Read More »मौलश्री: ‘रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार’: भाग – छः
प्रबोध राज चन्दोल संस्थापक, पेड़ पंचायत ‘रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार’ भाग – छः सुग्रीव से मिलने के लिए आगे बढ़ते हुए दोनों भाई पम्पा नामक पुष्करिणी के पश्चिमी तट पर स्थित शबरी के आश्रम पहुंचे। यह आश्रम बहुसंख्यक वृक्षों से घिरा हुआ था। मतंगवन में शबरी ...
Read More »“कोविदार (कचनार) वृक्ष अयोध्या का राजकीय वृक्ष था”
‘रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार’ भाग – पांच प्रबोध राज चन्दोल संस्थापक , पेड़ पंचायत अयोध्या काण्ड के 94वें सर्ग में ही चित्रकूट पर्वत पर सहस्त्रों औषधियों के उपलब्ध होने का विवरण है। यहां घने वृक्ष फैले हुए थे, कई स्थानों पर चम्पा व मालती आदि के ...
Read More »“कदम्ब एक औषधीय वृक्ष है, बहेड़ा-पीपल- देवदारु-ताल-तिलक और तमाल भी वृक्ष हैं”
“रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार” भाग – तीन प्रबोध राज चन्दोल संस्थापक, पेड़ पंचायत जगत में पेड़-पौधों और वनस्पतियों की विविधता सदा से रही है I उसका अनुपम वर्णन रामायण में देखने को मिलता है। इस महाकाव्य में अनेक जगहों पर नाना प्रकार के वृक्षों का व ...
Read More »“आम का पेड़ भी पीपल और बेल की भांति ही शुभ”
“रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार” भाग – चार प्रबोध राज चन्दोल संस्थापक, पेड़ पंचायत अयोध्या काण्ड के 92वें सर्ग में कनेर के पौधे का उल्लेख आता है। कनेर एक विषैला पौधा है और यह अनेक प्रकार का होता है लेकिन आमतौर पर पीला कनेर बहुतायत में ...
Read More »“नव संकल्पों के साथ नए वर्ष का स्वागत!!!”: रंजन श्रीवास्तव
(अमृत कलश: 4) रंजन श्रीवास्तव/ भोपाल समय है नव वर्ष पर नव संकल्पों का। सभी की यही कामना होती है कि नव संकल्पों के साथ नव वर्ष की शुरुआत हो। वैसे 2025 पिछले अन्य वर्षों से थोड़ा भिन्न है और हम इस वजह से अपने नव संकल्पों को एक नया ...
Read More »“पीपल को एक बहुत ही पवित्र वृक्ष माना जाता है”: प्रबोध राज चंदोल
“रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार” भाग – दो प्रबोध राज चन्दोल संस्थापक, पेड़ पंचायत “…बालकाण्ड के 36वें सर्ग के 18वें श्लोक में दिव्य सरकंड़ों के वनों का वर्णन आता है। सरकण्डों का प्रयोग छप्पर, टोकरी, सूप, कलम, चटाई, कागज आदि बनाने के लिए होता आया है तथा ...
Read More »इमरजेंसी: इंदिरा गांधी ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?: विक्रम राव
*आपातकाल (इमरजेंसी) और मेरी यादें*: के विक्रम राव, वरिष्ठ पत्रकार तब तक देश पर आपातकाल थोपे एक साल गुजर चुका था। अर्थात् यह 48 वर्ष पूर्व की बात है। हम लोग तिहाड़ जेल में बहस करते थे कि यदि इन्दिरा गांधी प्रधान मंत्री पद छोड़ देंती। इलाहाबाद उच्च न्यायालय का ...
Read More »*मैराथन मीटिंग्स के बाद जमीनी हकीकत जानने निकले शेखावत*
*मैराथन मीटिंग्स के बाद जमीनी हकीकत जानने निकले शेखावत* – *केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति ने नेशनल म्यूजियम से लेकर पुराना किला तक परखी जमीनी हकीकत* – *पुराना किला में जमीन पर नागरिकों के साथ बैठकर लिया फीडबैक, नागरिकों ने दिए कई सुझाव* *नई दिल्ली*। नवोदित केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ...
Read More »“मोदी और भागवत: किसका “अहंकार” और क्यों ! “: Sneh Madhur
मोदी और भागवत: किसका “अहंकार” ! स्नेह मधुर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अपने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए अहंकार शब्द का जिन अर्थों में प्रयोग किया गया था, उसका निहितार्थ अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए निकाल कर अपने अपने विरोधियों को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश निंदनीय ...
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