‘हुनर हाट’ देश भर के शिल्पियों को रोजगार उपलब्ध कराने का एक बेहतर मंच साबित हुआ है। ‘हुनर हाट’ शिल्पियों के लिए एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज भी साबित हो रहा है। प्रयागराज के ‘हुनर हाट’ मेले में देश भर के 300 से अधिक दस्तकार व शिल्पकार भाग लेने के लिए आए हुए हैं।
Sneh madhur
प्रयागराज।
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को प्रयागराज में दस दिनों तक चलने वाले ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन किया।
इस मौके पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ देश भर के शिल्पियों को रोजगार उपलब्ध कराने का एक बेहतर मंच साबित हुआ है। ‘हुनर हाट’ शिल्पियों के लिए एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज भी साबित हो रहा है।
नकवी ने कहा कि एक दस्तकार जब ‘हुनर हाट’ में आता है तो अपने साथ कम से कम 70 से 80 दस्तकार-शिल्पकार को भी जोड़ता है। शिल्पकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को साकार कर रहे हैं।
नकवी ने बताया कि प्रयागराज के ‘हुनर हाट’ में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के दस्तकार और शिल्पकार आए हुए हैं। हाट में बावर्ची खाना एक कॉन्सेप्ट है जिसमें देश के अलग-अलग लजीज पकवानों का लोग लुत्फ उठा सकेंगे।
मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि ‘हुनर हाट’ में साउथ इंडिया, वेस्ट बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई प्रदेशों का खान-पान भी लोगों को देखने को मिलेगा।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने तय किया है कि देश में पहले चरण में 100 दिनों में सौ से ज्यादा ‘हुनर हब’ बनाएंगे। इसके बाद देश के करीब हर शहर में ‘हुनर हब’ बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के बाद दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से हुनर हाट का आयोजन होगा। इसके बाद मुंबई, हैदराबाद, इंदौर, दिल्ली में खड़क सिंह मार्ग और भोपाल में भी ‘हुनर हाट’ आयोजित किया जाएगा।
केन्द्रीय मंत्री नकवी ने बताया कि देश के लगभग सभी हिस्सों में इस साल हुनर हाट का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद, देहरादून, भोपाल, नागपुर, हैदराबाद, चंडीगढ़ अमृतसर, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, अजमेर और अन्य स्थानों पर भी हुनर हाट लगेंगे। हुनर हाट के माध्यम से जो हुनर के उस्ताद हैं, जहां उनको एक माध्यम मिल रहा है, वहीं विरासत को आगे बढ़ाने का मौका भी मिल रहा है।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि ‘हुनर हाट’ में हर दिन शाम को जाने-माने प्रतिष्ठित कलाकारों की सांस्कृतिक संध्या भी आयोजित होगी। इसमें गजलें, सूफी संगीत और कवि सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा।
हुनर हाट के उद्घाटन के मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी मौजूद रहे।
‘न जीत का जश्न हो, न हार का हाहाकार’
अयोध्या प्रकरण पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि फैसला आने वाला है। मैं कोई भविष्यवक्ता भी नहीं हूं, इसको लेकर कोई भविष्यवाणी भी नहीं कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि ऐसे संवेदनशील मौकों पर जीत का जश्न नहीं होना चाहिए और हार का हाहाकार या हंगामा भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत जो भी फैसला सुनाती है, उसका सभी को सम्मान करना चाहिए।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल के पांच वर्षों में दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी हुनर को निखारने की कवायद सौ दिनों के भीतर ही मंत्रालय ने शुरू करके पूरी योजना बना दी थी। उन्होंने कहा कि बाजार की जरूरतों के हिसाब से शिल्पकारों और कारीगरों को तराशने एवं प्रोत्साहित करने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय सभी राज्यों में ‘हुनर हब’ स्थापित करने के मिशन पर तेजी से काम कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार-2 के पहले 100 दिनों में ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 100 ‘हुनर हब’ स्वीकृत किए हैं। इनमें दस्तकारों, शिल्पकारों, पारम्परिक खानसामों को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग दी जाएगी। उनके हुनर को और निखारा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नकवी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में देश के मशहूर आर्थिक केंद्रों में आयोजित एक दर्जन से ज्यादा हुनर हॉट के जरिए ढाई लाख से ज्यादा कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों, खानसामों और उनसे जुड़े हुए लोगों को रोजगार के मौके मिल चुके हैं। इनमें महिला कारीगर भी शामिल हैं। अगले पांच वर्षों में मोदी सरकार हुनर हाट के माध्यम से लाखों हुनर के उस्ताद, कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों और पारंपरिक खानसामों को रोजगार और रोजगार के मौके मुहैया कराएगी। 2019-2020 के सभी हुनर हाट, एक भारत श्रेष्ठ भारत के थीम पर आधारित होंगे।
नकवी ने कहा कि अगले पांच वर्षों में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 100 हुनर हाॅट का आयोजन करेगा।
आगे ‘हुनर हाट’ का आयोजन दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद, देहरादून, पटना, इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, हैदराबाद, पुडुचेर्री, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुवनेश्वर, अजमेर आदि में होगा। अगला हुनर हाट दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर और मुंबई में 20 से 31 दिसंबर के बीच होगा।
नकवी ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित हुनर हाॅट में दस्तकार, शिल्पकार दुर्लभ स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद लाए हैं। इनमें आंध्र प्रदेश की कलमकारी और मंगलगिरी, असम के जूट से बने उत्पाद, बिहार की मधुबनी चित्रकारी, गुजरात का अजरख, बंधेज मड वर्क, तांबे की कलाकृतियां, हिमाचल प्रदेश से लकड़ी के बने उत्पाद हैं। वहीं मध्य प्रदेश से ब्लॉक प्रिंट, उप्पा छपाई, पुडुचेर्री के मोतियों से बने आभूषण, राजस्थान से मार्बल कलाकृतियां और हैंडीक्राफ्ट, तमिलनाडु की एंब्रोइडरी एवं चन्दन की कलाकृतियां, उत्तर प्रदेश से वाराणसी सिल्क, लखनवी चिकनकारी, कांच के सामान, लेदर, संगमरमर के उत्पाद, पश्चिम बंगाल से एंब्रोइडरी के उत्पाद, कश्मीर-लद्दाख की दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां इत्यादि लेकर आए हैं।
देश के अन्य प्रांतों से आए शिल्पकारों ने कहा कि यहां पर उन्हें अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर मिला है जिसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया गया है। इसलिए वे यहां पर बाजार से कम कीमत पर अपना उत्पाद लोगों तक पहुंचा कर उन उत्पादों की मांग पैदा कर सकते हैं जो उनके व्यापार को बढ़ाने में सहायक होगा।