भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर को दोपहर 2:40 बजे से होगी. इस दौरान से ये आंशिक होगा और पूर्ण चंद्र ग्रहण दोपहर 3:47 बजे से शुरू होगा. लेकिन, भारत में इसे शाम 5 बजकर 20 मिनट पर देखा जा सकेगा. चंद्र ग्रहण के खत्म होने का समय शाम 6 बजकर 18 मिनट रहेगा.
पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण सूतक सुबह 09:21 बजे शुरू होगा और सूतक काल शाम 06.18 बजे समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण के दौरान 4 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है और चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है. सूर्योदय से सूर्योदय तक कुल 8 प्रहर होते हैं.
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे का होता है। यह ग्रहण से पहसे शुरू होता है. पूर्णिमा पर लगने वाले ग्रहण का सूतक सुबह से ही शुरू हो जाएगा और शाम तक ग्रहण के समाप्त होने तक रहेगा.
मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल को अशुभ काल या दूषित काल माना जाता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य को करना वर्जित माना जाता है. ग्रहण के खत्म होने के कुछ समय बाद सूतक काल समाप्त होता है उसके बाद मांगलिक कार्यों को करने की सलाह दी जाती है.
यदि माता की मृत्यु के दस दिनों के अंतराल में पिता की भी मृत्यु हो जाए तो पिता के मृत्यु के दिनों से पूरे दस दिनों तक सूतक काल माना जाता है. किसी कारणवश मृत्यु दिवस के दिन दाह संस्कार न हो सके तब भी मृत्यु दिवस के दिन से ही सूतक काल को गिना जाएगा. अग्निहोत्र करने वालों के लिए सूतककाल दस दिनों तक के लिए ही माना जाएगा.
सूतक का संबंध जन्म-मरण के कारण हुई अशुद्धि से है. जन्म के अवसर पर जो नाल काटा जाता है और जन्म होने की प्रक्रिया के दौरान जो हिंसा होती है, उसमें लगने वाला दोष या पाप प्रायश्चित के रूप में पातक माना जाता है.