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चंद्रयान-2 मिशन 95 % सफल: उम्मीदें ख़त्म नहीं

चंद्रयान-२ का आर्बेटर पहले ही चांद की कक्षा में स्थापित हो चुका है और वह चांद की विकास यात्रा, सतह की संरचना, खनिज और पानी की उपलब्धता आदि से संबंधित सूचनायें डा रहेगा. यह करीब 7 वर्षों तक ऑपरेशनल रहेगा और इस दौरान चांद के रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद करेगा. हालाँकि पहले यह कहा जा रहा था कि ऑर्बिटर केवल एक साल तक ही काम करेगा. इसरो प्रमुख सिवन के अनुसार चंद्रयान-2 मिशन को करीब 100% सफल माना जा सकता है.

नयी दिल्ली.

चंद्रयान-२ की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग से ठीक पहले लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद देशभर में भले ही अफसोस का माहौल है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस माहौल को अपने प्रेरणादायक भाषण से न सिर्फ बाहर का रास्ता दिखा दिया बल्कि लोगों में यह भावना भरने में सफल रहे हैं कि असफलताएं सफलता के सोपान हैं. मोदी ने वैज्ञानिकों को ढांडस बंधाते हुए राष्ट्र को संबोधित किया और दुःख की इस घडी में भी लोगों के चहरे पर मुस्कान लाने में सफल रहे. शाम हॉते-होते इसरो ने भी एक खुशखबरी सुना ही दी की आर्बेटर सात वर्षों तक चाँद की परिक्रमा करता रेगा और गम हो गये विक्रम लैंडर की तलाश के लिए अभी 14 in बाकी हैं. यह मिशन 95 प्रतिशत तक सफल रहा.

शनिवार शाम को इसरो ने बयान जारी कर बताया कि चंद्रयान-२ मिशन अपने ज्यादातर उद्देश्यों में कामयाब रहा है. इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन ने बताया कि चंद्रयान-२ का आर्बेटर पहले ही चांद की कक्षा में स्थापित हो चुका है और वह चांद की विकास यात्रा, सतह की संरचना, खनिज और पानी की उपलब्धता आदि से संबंधित सूचनायें डा रहेगा. यह करीब 7 वर्षों तक ऑपरेशनल रहेगा और इस दौरान चांद के रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद करेगा. हालाँकि पहले यह कहा जा रहा था कि ऑर्बिटर केवल एक साल तक ही काम करेगा. इसरो प्रमुख सिवन के अनुसार चंद्रयान-2 मिशन को करीब 100% सफल माना जा सकता है.

ज्ञातव्य है कि चंद्रयान-2 मिशन के तहत चांद पर भेजे गये विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के वैज्ञानिकों से साफ्ट लैंडिंग से पहले टूट गया था. चांद की सतह से मात्र २.१ किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम का संपर्क स्पेस कंट्रोल सेंटर से टूट गया. रात 1.49 पर लैंडर विक्रम से सिग्नल मिलने बंद हो गये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसरो के कंट्रोल सेंटर में स्वयं उपस्थिट रहे और वहां पर मौजूद वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते दिखे.मोदी ने कहा कि विज्ञान को प्रयोग के रूप में ही देखा जाना चाहिए.

चंद्रयान-२ मिशन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के कंट्रोल सेंटर से आज सुबह आठ बजे देश को संबोधित भी ‍ किया. नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा कि आप सभी को आने वाले मिशन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.
संबोधन के बाद वापस लौटते समय प्रधानमंत्री मोदी और इसरो के चेयरमैन के. सिवन के साथ बेहद भावुक क्षण भी देखने को मिले. भाषण देने के बाद जाते वक्त मोदी को विदा करने आये इसरो के चेयरमैन के. सिवन को मोदी ने गले लगा कर धीरज बंधाया. मोदी काफी देर तक के.सिवन की पीठ थपथपाते रहे. इस दृश्य ने पूरे देश को भाव्य–विह्वल कर दिया.

लैंडर से संपर्क टूटने के बाद जब कंट्रोल रूम में मायूसी छा गई तो प्रधानमंत्री दर्शक दीर्घा से उतर कर कंट्रोल रूम में वैज्ञानिकों के पास पहुंचे और कहा कि उनकी उपल्बिधियों पर पूरे देश को गर्व है, वैज्ञानिकों ने जो हासिल कर दिखाया है, वह कम नहीं है.
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन बेहद जटिल था. 22 जुलाई 2019 को लॉन्च के बाद से ही न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया चंद्रयान-2 के हर एक चरण से अगले चरण तक की यात्रा को बहुत ही उम्मीदों और रोमांच के साथ देख रही थी. यह एक अनोखा मिशन था जिसका उद्देश्य चांद के सिर्फ किसी एक हिस्से का नहीं, बल्कि सभी इलाकों का अध्ययन करना था. इकलौते मिशन में ही चांद की सतह के साथ-साथ उपसतह का भी अध्ययन करना था। इसमें हम काफी हद तक कामयाब रहे हैं।

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