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राकेश पांडे ने “समान नागरिक संहिता” के इतिहास पर प्रकाश डाला

समानता के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए समान नागरिक संहिता का लागू होना आवश्यक: राकेश पांडे

प्रयागराज।
भारत विकास परिषद, प्रयाग शाखा की ओर से होटल प्रयाग इन में ‘समान नागरिक संहिता ’ विषय पर बोलते हुए मुख्य अतिथि एवं वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय राकेश पांडे ने भारत में समान नागरिक संहिता के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में इसका उल्लेख है, समानता के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए समान नागरिक संहिता का लागू होना आवश्यक है। आगे कहा कि एक संघ होने के कारण भारत में कुछ राज्यों में लागू होने में कठिनाई हो सकती है।

इसे लागू करने से पहले इससे जुड़ी जटिलताओं को समझना और दूर करना आवश्यक है। इसके लिए सभी पक्षों को पहले इसके लिए सहमत किया जाए। इसके विभिन्न वर्गों पर पड़ने वाले प्रभावों को भी समझने की आवश्यकता है। संविधान में उल्लिखित अन्य नीति निर्देशक तत्वों को भी लागू करने के उतने ही वेग और शक्ति से प्रयास की आवश्यकता है।

भारत विकास परिषद प्रयाग शाखा की अध्यक्ष डॉ श्रीमती अल्पना अग्रवाल ने स्वागत करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता देश के संविधान की नीति निर्देशक तत्व में निहित है जिसकी शुरुआत उत्तराखंड में इसके लागू होने से हो चुकी है और इसे पूरे देश में लागू करने की आवश्यकता है। हिंदुओं की व्यक्तिगत व्यवस्थाओं में ईश्वर चंद्र विद्यासागर, राजा राममोहन राय आदि ने बहुत से सुधार किया जिन्हें स्वीकार किया गया। यह मामला उच्चतम न्यायालय द्वारा शाहबानो के वाद में निर्णय से चर्चा में आया। इस निर्णय को प्रभावहीन बनाने के लिए विधान ही बदल दिया गया।

कार्यक्रम का संचालन सचिव डॉ विवेक भदोरिया ने किया तथा मुख्य अतिथि परिचय उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अरुण त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अधिवक्ता टीपी शुक्ला ने कहा कि 1920 के बाद मुसलमानो का जो तुष्टिकरण देश में शुरू हुआ और 1947 के बाद भी जिस तरह से यह तुष्टीकरण जारी है के कारण समान नागरिक संहिता को लागू करना मुश्किल हो रहा है, वास्तव में इसे कानून बनाकर ही लागू किया जा सकता है, आम सहमति बनाकर इसे लागू करना संभव नहीं है। सीए डॉ नवीन चन्द्र अग्रवाल एवं विनोद कुमार ने स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र प्रदान कर मुख्य अतिथि का सम्मान किया।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय आर पी अग्रवाल, रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जी के खरे , प्रो पुरुषोत्तम दास, राजीव अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कांत मिश्रा, प्रोफेसर संघ सेन सिंह, डॉ वेद प्रकाश मिश्रा, डॉ जगदीश्वर द्विवेदी, श्रीमती ज्योति अग्रवाल, राजनारायण अग्रवाल, डा मनीष गोस्वामी, डा इशिता सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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