योगी से सीखें केजरीवाल
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना संकट ने अरविंद केजरीवाल की संवेदनहीनता और लापरवाही को उजागर किया है। वह हमेशा की तरह भारी भरकम वादे करते रहे,लेकिन आनंदविहार के हालात ने कलई खोल दी। यहां के दृश्य विचलित करने वाले थे। लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक बस स्टैंड पर जमा हो गए। यह स्थिति दिल्ली प्रदेश के लिए ही नहीं उत्तर प्रदेश विहार आदि के लिए भी घातक थी। कोरोना को फैलने से रोकने के लिये जो सर्वाधिक आवश्यक था, उसी की अवहेलना यहां हो रही थी। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री इन सबसे बेखबर थे।
इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उतने ही सजग थे। जब इनको पता चला कि लाखों श्रमिक दिल्ली से पलायन कर रहे है,तो उन्होंने पूरी जिम्मेदारी का परिचय दिया। उनका प्रयास था कि पलायन कर रह श्रमिकों को कोई परेशानी न हो, साथ में इस पलायन से उत्तर प्रदेश में कोरोना से बचाव के प्रयासों पर भी प्रतिकूल प्रभाव न हो।
बताया जाता है कि इसे सुनिश्चित करने के लिए योगी रातभर जागते रहे। वह निगरानी करते रहे कि सभी श्रमिको को परिवहन सुविधा मिले,किसी को भूखा न रहना पड़े, सभी की जांच हो,कोरोना का संदेह होने पर उन्हें अलग रखने व इलाज की व्यवस्था की जाए। इतना ही नहीं अगले दिन योगी ऐसे श्रमिक परिवारों से मिलने भी पहुंच गए। वह उनकी परेशानी स्वयं सुनना चाहते थे। इसके आधार पर आगे की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। उन्होंने गंतव्य तक जाने वाले लोगो से बात कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। लॉकडाउन में फंसे हुए यात्रियों को उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था करने का अधिकारियों को निर्देश दिया।
योगी आदित्यनाथ ने यात्रियों को आश्वस्त भी किया कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार इस महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को खाद्य सामग्री की कमी नहीं होगी। इसकी पूरी व्यवस्था सरकार द्वारा की जा चुकी है। अन्य लोगों से लॉक डाउन के पालन का आग्रह भी किया। इसके पहले दिल्ली में केजरीवाल सरकार की लापरवाही से स्थिति खराब होने लगी थी। योगी ने पूरी रात जागकर नोएडा,गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़ आदि इलाकों में एक हजार से ज्यादा बसें लगाकर दिल्ली से पलायन कर रहे श्रमिक परिवारों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई।
उन्होंने तत्काल रात में ही परिवहन विभाग के अधिकारी, ड्राइवर और कंडक्टरों को ड्यूटी पर बुलाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा राजधानी लखनऊ के चारबाग से यात्रियों की सुविधा के लिये बस की व्यवस्था की गई। जिससे लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। यहां से कानपुर, बलिया,बनारस,गोरखपुर आजमगढ़,फैजाबाद, बस्ती,प्रतापगढ़, सुल्तानपुर,अमेठी, रायबरेली,गोंडा,इटावा, बहराइच,श्रावस्ती ऐसे कई जिलों की बसें यात्रियों को बैठाकर भेजी गई। योगी ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को यात्रियों की सुविधा देखने के लिए भेजा। यह अप्रत्याशित स्थिति केजरीवाल की उदासीनता से पैदा हुई।
इसके लिए योगी को विशेष व्यवस्था करनी पड़ी। प्रदेश के अन्य सभी लोगों से योगी ने सहयोग की अपेक्षा की है। उंन्होने कहा जहां हैं,वहीं रूके रहें। सरकार उनकी पूरी सुविधा का ध्यान वहीं रखेगी। सरकार उनको सुविधाएं प्रदान करेगी। लॉकडाउन सभी के उत्तम स्वास्थ्य और सुरक्षित भविष्य के लिये अत्यंत आवश्यक है। योगी ने श्रमिको से कहा कि वह पैदल यात्रा न करें। वह स्वयं भी बीमार हो सकते है। इसके साथ ही बीमारी फैल सकती है। सरकार ऐसे श्रमिकों की पूरी सहायता करेगी।