कोरोना ने गेहूँ की फसल पर लगाया ग्रहण
के.एम. अग्रवाल
गेहूँ की तैयार फसल का क्या होगा?
सरकार ने कहा की कटाई पर कोई रोक नहीं
उत्तर प्रदेश में गेहूँ की फसल पक कर लगभग तैयार है।एक सप्ताह में इनका कटना शुरू हो जायेगा।यहाँ समस्या यह है कि अभी तक 70 प्रतिशत फसल हारवेस्टर से कटती रही है, जबकि इस वर्ष अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं आ सका है कि हारवेस्टर मशीनें चलेंगी या नहीं ? वैसे भी पिछले दिनों बेसमय दो-तीन बार वर्षा हो जाने और तेज हवा के चलने के कारण 25 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है।
गाँवों में लोगों से बात करने पर वे साफ कहते हैं कि गेहूँ की फसल को काटेंगे नहीं तो खुद उनका परिवार क्या खायेगा और देश क्या खायेगा ?हर वर्ष की तरह शीघ्र ही तेज हवा का सीजन भी आने वाला है, जिस दौरान खेतों में आगजनी की घटनाएं हो जाती हैं।इस संदर्भ में जिलों में फायर ब्रिगेड की भी अभी तक कोई तैयारी नहीं है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना से दो दिन पूर्व तक कोई मृत्यु नहीं हुई थी। लेकिन 30 मार्च को बस्ती जिले के कोरोना संक्रमित 25 वर्षीय एक युवक की गोरखपुर मेडिकल कालेज में मृत्यु हो जाने से हड़कंप मच गया है।कहा जा रहा है कि वह मुम्बई से लौटा था।प्रदेश में 110 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों आदि में चल रहा है।
जानलेवा कोरोना के संक्रमण से देश को बचाने के लिए संपूर्ण लाकडाउन का आज 9वाँ दिन बीत रहा है।इस बीच दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित इस्लामिक सेन्टर पर दो हजार के आस-पास मौलानाओं के इकट्ठा पाये जाने के बाद से पूरे देश में एक ओर कोरोना की रोकथाम के लिए प्रयासों में तेजी आयी है,वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी बहस शुरू हो गयी है, जो देश के हित में बिलकुल ही नहीं है।जो ‘नफरत’ दिल्ली दंगे के बाद दब सी गयी थी, उसकी फुसफुसाहट फिर से शुरू हो गयी है।कुछ चैनल वाले तो मेरी समझ से आग में घी डाल रहे हैं।
आज हम उत्तर प्रदेश पर अपने को केन्द्रित करेंगे कि कोरोना को लेकर क्या हो रहा है ? इसमें कोई शक नहीं कि 25 से 28 मार्च के बीच विभिन्न प्रदेशों से हजारों-लाखों लाखों की संख्या में दिहाड़ी मजदूरों के दिल्ली के आनंद विहार बस स्टेशन के आस-पास इकट्ठा होने तथा उनके पैदल ही उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चल देने पर एक नया संकट खड़ा हो गया।मुख्यमंत्री योगी ने तत्काल इधर ध्यान दिया और बसों की व्यवस्था करके धीरे-धीरे लोगों को विभिन्न जिलों तक पहुँचवाया।अब समस्या आयी कि इन हजारों लोगों की जाँच कैसे करायी जाय ?
बताया जा रहा है कि दिल्ली के निजामुद्दीन से निकले 157 मौलवी उत्तर प्रदेश के विभिन्न 17 जिलों में शरण लिये हुए हैं, जिनकी खोज जारी है।इन्हें पकड़ कर एकांतवास दिया जा रहा है।
बाहर से विभिन्न जिलों में गाँवों को लौटे मजदूरों को परिवार में पहुँचने से पहले गाँवों के ही प्राइमरी स्कूलों में 14 दिन एकांत में रखने तथा उनपर निगरानी रखते हुए भोजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।प्रायः लगभग सभी गाँवों में अब तक 5 से 20-25 तक मजदूर इन स्कूलों में रखे जा चुके हैं तथा इनकी पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को दी गयी है।प्रधानों को 5-5 हजार ₹ भी दिये गये हैं।
अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पर्क करने पर पता चलता है कि इन स्कूलों में रहने वाले मजदूर प्रायः रात में घर भाग जाते हैं और मुँहअंधेरे स्कूल वापस आ जाते हैं।यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है।प्रदेश में सारे जिलाधिकारियों को भी राज्य आपदा राहत कोष से 3-3 करोड़ ₹ इन्हीं सब व्यवस्था के लिये दिये गये हैं।गाँवों में कहीं-कहीं सभी घरों को 3-3 साबुन भी दिये गये हैं।मुफ्त राशन देने का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है व्यवस्था हो रही है।
ऐसी जानकारियाँ हैं कि किराना व्यवसायी कहीं-कहीं अधिक दाम ले रहे हैं।ऐसी ही जानकारी पर पिछले दिनों वाराणसी में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने छापा मारकर कुछ व्यापारियों को पकड़ा भी।व्यवस्था ठीक से न कर पाने के आरोप में नाराज मुख्यमंत्री योगी ने पिछले दिनों नोयडा के जिलाधिकारी बी.एन.सिंह को हटा भी दिया।
कोरोना के दहशत का बेजा फायदा लकड़ी चोर (माफिया) भी उठा रहे हैं।इन दिनों जंगलों में रात में पेड़ों की कटान तेज हो गयी है।
जगह-जगह लोगों में चर्चा है कि जन जीवन कब तक सामान्य होगा ?
सरकार का जवाब
गेहूं कटाई में आ रही दिक्कत की खबर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी कोई रोक नहीं लगी है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव करते हुए मास्क लगाकर कंबाइन से गेहूं काटने की व्यवस्था हुई है। एक-सवा मीटर की दूरी बनाकर किसान स्वयं भी गेहूं काट सकेंगे। उनके गेहूं खरीदने के लिए भी केंद्र खोले गए हैं। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू है।
कोरोना वायरस के कारण घोषित लाकडाउन के दौरान खाद, कीटनाशी दवा एवं बीज बिक्री हेतु दुकाने पूर्व की भाॅति खुलेंगी। कम्बाईन मशीन से फसल की कटाई होगी तथा इस कार्य में लगे वाहन एवं श्रमिक प्रतिबन्ध से मुक्त होंगे।
उक्त जानकारी जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने दी है। उन्होने बताया कि सहकारी एंव निजी क्षेत्र की दुकाने 11.00 बजे से 03.00 बजे तक खुलेंगी। सभी दुकानों में एक मीटर की दूरी का मानक अपनाते हुए किसान सामान लें सकेंगे। ई-पास मशीन का प्रयोग करने से पूर्व किसानों का हाथ सैनिटाइज कराया जायेंगा तथा हाथ धुलवाया जायेंगा। प्रत्येक प्रतिष्ठान में दो घण्टे के अन्तराल पर ब्लिचिंग पाउडर से परिसर को साफ किया जायेंगा।
उन्होने कहा कि कम्बाइन मशीन चलाते समय एनजीटी के निर्देशानुसार स्ट्रा रीपर विद वाइन्डर लगाना अनिवार्य होगा। कम्बाइन मशीन को भी ब्लिचिंग पाउडर घोल से दिन में कम से कम दो बार धोना होेगा। इस में अधिकतम 2 व्यक्ति बैठ सकेंगे और उनके बीच की दूरी एक मीटर से अधिक होंगी। वे अपने पास सैनिटाइजर घोल रखेंगे और समय समय पर किसानों का हाथ सैनिटाइज भी करेंगे।
उन्होने निर्देश दिया है कि कृषि कार्य में लगे वाहन पर अधिकतम दो व्यक्ति बैठ सकेंगे तथा उनके बीच की दूरी भी एक मीटर से अधिक होंगी। उन्होने कृषि इन्स्पेक्टर को निर्देश दिया है कि अपने क्षेत्र में भ्रमण करके समस्त व्यवस्थाए सुनिश्चित करायेंगे। वे ये भी सुनिश्चित करेंगे कि दुकान, वाहन, कम्बाइन चलते समय खेत में कही भी भीड एकत्र न हो। इन आदेशों का उलंघन पाये जाने पर संचालको के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में दण्डात्मक कार्यवाही की जायेंगी।