कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शहर को लॉकडाउन किया गया है। 31 मार्च तक लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है। जरूरी काम के लिए ही घर से निकलने की अपील की जा रही है। डॉक्टरों की सलाह है कि कोरोना से बचाव के लिए शरीर को स्वच्छ रखने के साथ-साथ दिमाग को भी तरोताजा रखना जरूरी है। क्योंकि अगर आप तनाव में रहेंगे तो यह भी सेहत के लिए नुकसानदायक है। कोरोना संक्रमण से बचाव और तनाव से दूर रहने के लिए क्या कदम उठाए जाएं, इसके लिए आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने विशेषज्ञ डॉक्टरों से व्हाट्एप संवाद किया। जानिए क्या है विशेषज्ञों की सलाह।
देश-दुनिया में इस समय कोरोना की दहशत है। इसका असर लोगों के मन मस्तिष्क पर हो रहा है। कई लोग इस समय सीजनल फ्लू से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें लग रहा कि वो भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में लोग बड़ी संख्या में अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना कि कई लोग कोरोना फोबिया के शिकार हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि चारों ओर कोरोना की चर्चा से कई लोगों को तनाव हो रहा है। यह एक तरह का डर है। इसे भगाने के लिए व्यायाम के साथ ही अच्छा खानपान जरूरी है। घर पर परिवार के लोगों के साथ रहें। सोशल मीडिया पर चल रही अपुष्ट खबरों से बचें। हाइजीन का ध्यान रखें। यदि आप किसी विदेशी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं तो कोरोना होने के चांस नहीं हैं। किताब पढ़ने या कोई ऐसा शौक जो घर के अंदर पूरा हो सके। ऐसे तनाव से बचा सकता है।
बहुत जरूरी हो तो अस्पताल आएं-
दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री कहते हैं कि भीड़ में संक्रमण फैलने की ज्यादा आशंका रहती है। बहुत जरूरी हो तो ही अस्पताल आएं। अस्पतालों द्वारा जारी डॉक्टरों के नंबर पर संपर्क कर सलाह लें। मास्क तभी पहनें जब खांसी-जुकाम हो, अस्पताल आने पर जरूर पहनें। घर पर रहने के दौरान अपने टाइम टेबल का खास ध्यान रखें। समय पर उठे और समय पर नाश्ता करें। ऑफिस नहीं जाने के फेर में बहुत देरी से न उठे। इससे आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
बाहर के काम में उल्टे हाथ का इस्तेमाल करें-
दून अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ. सुशील ओझा कहते हैं कि कोरोना संक्रमण छूने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इसमें खांसी-जुकाम पीड़ित व्यक्ति से दूर रहें। उनसे बात करते समय मास्क का प्रयोग करें। वहीं, बाहर के काम करते वक्त उल्टे हाथ का इस्तेमाल करें। क्योंकि हम अपने मुंह-नाक को सीधे हाथ से छूते हैं। बाहर के काम उल्टे हाथ से करने की कोशिश करें। बहुत जरूरी होने पर घर से निकलें। किसी एक व्यक्ति को सामान लेने भेजें।
युवा वर्ग भी रखे अपना खास ख्याल-
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एचडी जोशी का कहना है कि कोरोना का संक्रमण हर आयु वर्ग में हो सकता है, इसीलिए युवा वर्ग से खास अपील है कि वह बिल्कुल लापरवाही न बरतें। अपनी सेहत का ध्यान रखें। ऐसा न समझें कि यह वायरस युवाओं पर असर नहीं करता। समय-समय पर अपने हाथों को साफ करते रहें। बाहर से आने पर जरूर सेनेटाइज करें। अपना और अपने परिवार का बचाव करें। अच्छा भोजन करें फल धोकर के खाएं।
बच्चों को डराएं नहीं उन्हें जागरूक करें-
दून मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विभाग की एचओडी डॉ. तन्वी सिंह ने बताया कि कोरोना को लेकर बच्चों के मन में तमाम सवाल आएंगे। ऐसे में उन्हें डराएं नहीं, बल्कि उन्हें सही तरीके से जागरूक करें। उन्हें चिड़चिड़ा होने से भी बचाना होगा। बच्चे छुट्टियों में बाहर जाने की जिद करेंगे। उन्हें समझाकर इंडोर गेम्स, डांस और गायन जैसी कामों में व्यस्त रखें। खांसी-जुकाम, बुखार वाले व्यक्ति के पास उन्हें न जाने दें। उनको लगातार हाथ धुलवाने की आदत डालें और उनके खिलौने भी सेनेटाइज करते रहे।
अकेला महसूस करें तो अपनों से बात करें-
कोरोनेशन अस्पताल की मनोचिकित्सक डा. निशा सिंघल का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान ऐसे व्यक्ति जो अकेले रहते हैं, घर पर रहकर अकेला महसूस कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें तनाव लेने की जरूरत नहीं है। अपने आप को अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से बात कर व्यस्त रखें। कोरोना को लेकर ज्यादा पैनिक होने वाली बातें न करें। अच्छी किताबें पढ़ें, मनपसंद संगीत सुनकर अपने दिमाग को फ्रेश रखें। योगा करें और अपनी पसंद के व्यंजन बनाएं। बगीचे में काम कर सकते हैं।
सब्जी को अच्छे से धोकर इस्तेमाल करें-
कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एनएस बिष्ट कहते हैं कि बाहर से जब दूध के पैकेट लाएं तो उसे बहते हुए नल के पानी में धोएं। दूध को अच्छी तरह उबालकर पीएं। दूध वाले से खुला दूध लेते वक्त भी सावधानी बरतें। बाहर से लाई हुई सब्जियां बहते हुए पानी से अच्छी तरह धो लें। ज्यादातर छिलके वाले फल जैसे संतरे, अनार, केला आदि का प्रयोग करें। किचन में सबसे संक्रमित वस्तु चाकू होती है, उसे अच्छी तरह से रगड़कर हर बार साफ करें और बहते हुए नल के पानी से धोएं।
ये एहतियात जरूर बरतें –
-बाहर से आने पर कुंडी सेनेटाइज करें और सबसे पहले साबुन से हाथ धोएं।
-जहां तक हो सकता है कर्मचारियों को लॉकडाउन की स्थिति में छुट्टी दे दें।
-घर के अंदर सबसे ज्यादा छुए जाने वाली सतहों को रोजाना सेनेटाइज करें।
-डाइनिंग टेबल, स्टडी टेबल, बिस्तर के कोने और दरवाजे सेनेटाइज करें।
-रूम को एकदम बंद न रखें। वेंटिलेशन बनाए रखें, हवा का संचार उपयुक्त हो।
-खांसी होने पर ही मास्क पहनें, घर में वही व्यक्ति मास्क पहनें जिन्हें खांसी हो।
-खांसी-जुकाम होने पर मास्क पहनें। अस्पताल जाने पर हर कोई मास्क पहने।
-विदेश से आए व्यक्ति जो होम आइसोलेशन हैं, लक्षण न होने पर मास्क न पहनें
-होम आइसोलेशन में रहने पर परिजनों से अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें।
-एन-95 मास्क सिर्फ रोगी देखे जाने की दशा में केवल स्वास्थ्य कर्मी पहनें।
-रोगी को छूने के बाद दस्ताने उतारकर हाथ धोना जरूरी, सिर्फ सेनेटाइजर नहीं।
(कोरोनेशन अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. एनएस बिष्ट के मुताबिक)