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81 साल थी इटली में कोरोना से मरने वाले लोगों की औसत उम्र, दो तिहाई से अधिक को थे गंभीर रोग


रोम :  कोरोना वायरस ने चीन के बाद सबसे ज्यादा इटली में कहर बरपाया है। इस वायरस के संक्रमण की वजह से चीन के बाद सबसे ज्यादा मौतें भी इटली में ही हुई हैं। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि इटली में कोरोना संक्रमण से मरने वाले ज्यादातर लोगों की औसत उम्र 81 साल थी। इनमें से दो तिहाई से ज्यादा लोग पहले से ही गंभीर रोगों के शिकार थे और उनमें से कुछ धूम्रपान भी करते रहे हैं।

11 मार्च तक इटली में कोरोना वायरस की वजह से 827 मौतें दर्ज की गईं। अध्ययन से सामने आया कि मारे गए लोगों की औसत उम्र 81 साल थी। इनमें से भी दो तिहाई से ज्यादा लोगों को डायबिटीज, हृदय से संबंधित रोग और कैंसर जैसी बीमारी थी। इनमें से बहुत सारे लोग स्मोकर्स रहे थे। चीन के बाहर इटली में कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा फैला है। शनिवार तक इटली में कोरोना वायरस के संक्रमण के 17 हजार मामले दर्ज किए गए। बीमारी की वजह से 1266 लोगों की जान गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप को महामारी का नया केंद्र घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आकर जिन लोगों की मौत इटली में हुई है, उनमें 42.2 फीसदी लोगों की उम्र 80 से 89 साल के बीच थी। मरने वाले 32.4 फीसदी लोगों की उम्र 70 से 79 साल के बीच पाई गई।

वहीं 8.4 फीसदी मृतकों की उम्र 60 से 69 साल के बीच थी। 2.8 फीसदी मृतकों की उम्र 50 से 59 साल के बीच थी। वहीं 14.1 फीसदी मृतकों की उम्र 90 साल से ऊपर पाई गई। कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों में 80 फीसदी पुरुष थे, जबकि 20 फीसदी महिलाएं थीं। मृतक महिलाओं की औसत उम्र 83.4 साल बताई जा रही है। रिसर्च पेपर में कहा गया है कि मरने वालों की सेहत पहले से ही ठीक नहीं थी। लेकिन यह भी ध्यान देने वाली बात है कि उनलोगों को कोरोना वायरस की वजह से सांस लेने में तकलीफ हुई। अगर उनलोगों को सांस लेने के लिए सपोर्ट सिस्टम उपलब्ध करवाया जाता तो हो सकता है कि इतनी मौतें नहीं होतीं। रिसर्च पेपर के नतीजे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर तैयार किए गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक जिन लोगों को पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, फेफड़े की बीमारी, कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियां हों, उनके लिए आम लोगों की तुलना में रिस्क बढ़ जाता है। अध्ययन से इटली की स्वास्थ्य व्यवस्था का भी पता चलता है। रिपोर्ट के जरिए इटली के हॉस्पिटल में बेड, मशीन, मैन पावर और दूसरे जरूरी संसाधनों के कमी की झलक दिखती है। इटली के हॉस्पिटलों में आईसीयू के 5200 बेड हैं। इनमें करीब 1 हजार बेड को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि मौजूदा हालात में वायरस का संक्रमण अभी खत्म नहीं होने वाला है। एक सप्ताह के भीतर ही करीब 2500 आईसीयू बेड की जरूरत पड़ने वाली है।

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