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Coronavirus : कोरोनावायरस के संक्रमण की आशंका हो तो घबराएं नहीं बल्कि अपनी जांच कराएं

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सभी जगह स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। आप उस पर फोन कर शारीरिक बदलाव के बारे में बताएं। साथ ही जांच कराने की मांग करें। एंबुलेंस से आपको अस्पताल ले जाया जाएगा और वहां जांच के लिए नमूने लिए जाएंगे। ये नमूने अत्याधुनिक प्रयोगशाला के लिए भेजे जाते हैं, जहां परीक्षण के बाद पता चलेगा कि आपको संक्रमण है या नहीं। तब तक घबराने की कोई जरूरत नहीं।

यहां करें फोन: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 पर आप किसी भी समय कॉल कर सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर में हैं तो आप 8076623612 और 6396776904 पर फोन कर सहायता ले सकते हैं। साथ ही ईमेल [email protected] पर ईमेल कर अपनी समस्या बता सकते हैं।

जागरूक बनें: स्वस्थ हैं तो मास्क न लगाएं  
सेहतमंद लोग मास्क न लगाएं, इससे दूसरे लोगों को असुरक्षा महसूस होगी
कोविड-19 जैसे लक्षण खांसी, बुखार, छींक और सांस संबंधी समस्या होने पर ही मास्क लगाएं।
वे लोग जरूर मास्क लगाएं जो स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हैं अथवा जिनका बाहरी संपर्क अधिक होता है।
मास्क लगाते हुए उसके मुख्य हिस्से को न छुएं। मास्क हटाने के बाद उसे कागज में बंद करके कूड़े में फेंक दें।
वायरस से सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय मास्क लगाएं, जिसका नाम दूसरा मास्क N-51 है। आम लोग साधारण सर्जिकल मास्क भी पहन लें तो ठीक रहेगा।

साबुन से हाथ धोना ज्यादा सुरक्षित
कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाथों को बार-बार साबुन से धोना जरूरी है। सेनेटाइजर व अन्य हैंडवॉश का इस्तेमाल कम करें। विशेषज्ञ मानते हैं कि 20 सेकंड तक हाथ धोने से हाथ का वह चिपचिपा तत्व नष्ट हो जाता है जो वायरस को एकसाथ जोड़े रखने का काम करता है।

अस्पताल तैयार, न हों परेशान
सभी जिला अस्पतालों में कोरोना वायरस के लिए आईसोलेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी के नेतृत्व में टीम भी बनाई गई है ताकि संदिग्ध मरीज को समय रहते ढूंढ़ा जा सके।

सरकार की तैयारी
देश में 52 प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जा रहा है। 56 नमूना संग्रह केंद्र बनाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि सरकार के पास एक लाख जांच किट मौजूद है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। संक्रमण रोकने के लिए सभी राज्य व जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई है। अभी यह जांच सिर्फ सरकारी प्रयोगशालाओं में ही हो रही है, निजी पैथोलॉजी लैब को लाइसेंस नहीं दिया गया है। सरकार ने हाल में  26 एंटीबायोटिक, विटामिन, हार्मोन आदि दवाओं का निर्याता प्रतिबंधित कर दिया है ताकि देश में आपूर्ति पर असर न पड़े।

विदेश से आने वालों पर रोक
पांच मार्च से देश में आने वाले हर विदेशी की स्क्रीनिंग की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में जानकारी दी कि 30 हवाई अड्डों पर यह स्क्रीनिंग हो रही है। 15 अप्रैल तक भारत ने सभी वीजा रद्द कर दिए हैं, सिर्फ राजनयिकों को छूट होगी। सरकार ने नागरिकों से कोरोना वायरस ग्रस्त देशों की यात्राएं न करने की सलाह दी।

दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों को भी बुलाया जा रहा
विदेश मंत्री ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि 6000 भारतीय ईरान में मौजूद हैं, जिन्हें भारत लाने के प्रयास हो रहे हैं। अब तक चीन के वुहान से 723 भारतीयों समेत कई अन्य देशों से कुल 900 भारतीयों को निकालकर स्वदेश लाया जा चुका है।

महत्वपूर्ण तथ्य
शहरी बीमारी:  गांव-देहात में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका कम ही है, ज्यादातर वैज्ञानिक इसे एक शहरी बीमारी मानते हैं। हर खांसी, जुकाम कोरोना वायरस नहीं हो सकता।
मौसम का असर :  विशेषज्ञ मान रहे हैं कि तापमान बढ़ने के साथ कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि, इसके अभी ठोस सबूत नहीं मिल रहे हैं। वहीं, भारत में मौसम लगातार ठंडा बना हुआ है। माना जा रहा है कि इसका असर नकारात्मक हो सकता है क्योंकि वायरस के लिए यह अनुकूल वातावरण होगा।

मांस से संक्रमण नहीं: चिकन खाने से कोरोना वायरस होने जैसी बातें सच नहीं हैं। भारत में जैसे खाना पकाया जाता है, उससे किसी वायरस के बचने की संभावना कम ही है।

इन यात्रियों की निगरानी
– 25,738 यात्री निगरानी में हैं।
– 10,57,506 यात्रियों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
– 12,431 यात्रियों की छोटे-बड़े बंदरगाहों पर जांच हुई है।

कैसे खुद को और अपनों को बचाएं
भारत सरकार ने कुछ विशेष निर्देश जारी किए हैं, जिससे आप खुद के साथ अपनों की भी जिंदगी बचा सकते हैं।
– हवादार कमरे में रहें, जिसमें बाथरूम भी हो। अगर घर के अन्य सदस्य का उस कमरे में रहना बहुत जरूरी हो तो उस व्यक्ति से एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
– बुजुर्ग लोग, गर्भवती महिला, बच्चों और रोगियों से दूर रहें। 14 दिन पूरे न होने तक घर में ही रहें, किसी भी स्थिति में कोई सामुहिक कार्यक्रम में न जाएं।
– साबुन और सादा पानी से लगातार हाथ धोते रहें। एल्कोहल वाले सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
– अपने बर्तन, पानी का गिलास, कप, तौलिया, बिस्तर और दूसरे सामान किसी अन्य के साथ साझा न करें।
– हर वक्त मुंह पर सर्जिकल मास्क पहने रहें। हर छह से आठ घंटे बाद पुराना मास्क हटाकर नया पहनें।
– पुराने मास्क को दोबारा न पहने व इधर-उधर न फेंके, उसका सही ढंग से निस्तारण करें।
– मरीज व तीमारदार द्वारा पहने जाने वाले मास्क को साधारण ब्लीच मिश्रण (5%) या सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल (1%) के इस्तेमाल से कीटाणुरहित करें और फिर जला दें या जमीन में गाड़ दें।
– अगर संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हैं तो हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 के माध्यम से तुरंत डॉक्टरी सहायता लें।

तीमारदार याद रखें
– सिर्फ एक सदस्य ही मरीज की जिम्मेदारी उठाएं।
– संदिग्ध मरीज की त्वचा के सीधे संपर्क में न आएं।
– त्वचा साफ करने के लिए डिस्पोजल ग्लव प्रयोग करें।
– किसी भी बाहरी व्यक्ति या मेहमान से मरीज को न मिलने दें।
अगर 14 दिन बाद भी लक्षण दिख रहे हैं तो पृथककरण अवधि को अगले 14 दिन के लिए बढ़ा दें। तब तक ऐसा करें जब तक ऐसे मरीज की लैब रिपोर्ट नकारात्मक नहीं आ जाती।

स्वच्छता रखें
पृथककरण में रखे गए व्यक्ति द्वारा छुए जाने वाले स्थान को जल्दी-जल्दी साफ करते रहें। इसके लिए 1%  सोडियम हाइपोक्लोराइट मिश्रण का उपयोग करें। बाथरूम को साफ रखें। मरीज के कपड़ों को अलग से धोएं।

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