बांग्लादेश में तख्तापलट
नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को नियुक्त किया गया बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख
बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन व छात्र आंदोलन के नेताओं की मुलाकात के बाद यह फैसला हुआ। छात्र नेताओं ने ही यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाए जाने की मांग की थी। शेख हसीना ने हिंसा के बीच बांग्लादेश का प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था।
शेख हसीना को यूके ने दिया झटका, कहा- शरण या आश्रय का कोई प्रावधान नहीं
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर सोमवार को भारत पहुंचीं शेख हसीना वीज़ा मंजूरी मिलने तक लंदन की यात्रा नहीं कर सकेंगी। यूके के गृह मंत्रालय ने एनडीटीवी से कहा, “हमारे यहां शरण या अस्थाई आश्रय के लिए यूके की यात्रा का प्रावधान नहीं है… लोगों को उस देश में शरण लेनी चाहिए जहां वे सबसे पहले पहुंचे हों।”
शेख हसीना ने छोड़ा बांग्लादेश
*गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरीं शेख हसीना, कुछ वक्त इंडिया में रहेंगी; फिर किसी देश के लिए होंगी रवाना*
पीएम पद के साथ बांग्लादेश छोड़कर अवामी लीग की नेता शेख हसीना इंडिया पहुंच गई हैं. ऐसा बताया गया कि वह दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरी हैं. सूत्रों की मानें तो उन्होंने यहां रहने के लिए शरण तो नहीं मांगी है पर वह कुछ समय तक भारत में जरूर रहेंगी. वह यहां से लंदन (यूके) के लिए रवाना हो सकती हैं।
भारत में सर्वदलीय बैठक में एक स्वर में सभी राजनैतिक दलों ने भारत की नीति का समर्थन किया है। जब तक उन्हें किसी अन्य देश से शरण नहीं मिल जाती हैं तब तक शेख हसीना भारत में ही रहेंगी अपनी बहन के साथ।
*बांग्लादेश में भारी हिंसा के बीच एयरलाइन कंपनी ‘Indigo और Air India ने रद्द की उड़ानें*
बांग्लादेश में मचे हंगामे के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व PM और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोमवार को कहा कि उनकी मां अब राजनीति में नहीं लौटेंगी।
जायेंगी विदेश
PM पद से दिया इस्तीफा
बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है. हिंसा के बीच हालात बेहद खराब हो गए हैं. हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया है. इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. ढाका ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है और सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत आ गई हैं.
नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में 19 पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. सैकड़ों लोग घायल हैं. हालात इतने खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है. सेना अब पूरे देश में तैनात हो गई है.
इस बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हो गए हैं पुलिस की कार्रवाई में सौ से ज्यादा मारे गए
मुजीबुर्रहमान की मूर्ति तोड़ी गई
बांग्लादेश को आज़ादी दिलाने वाले शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा को तोड़ा प्रदर्शनकारियों ने
शेख़ हसीना शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी है
क्यों हुआ तख्तापलट?
पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान था। इसके खिलाफ पिछले महीने के अंत में ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसे पुलिस ने बलपूर्वक दबाने की कोशिश की। नतीजे में हिंसक झड़प हुई। इससे बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और हिंसा हुई।
प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि आरक्षण व्यवस्था भेदभावपूर्ण है। इससे प्रधानमंत्री हसीना की अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को लाभ होता है। इस कोटा सिस्टम की शुरुआत 1972 में हुई थी। इसे 2018 में कुछ समय के लिए बंद किया और बाद में फिर से बहाल कर दिया गया। इससे चलते विवाद होते रहे हैं। आलोचकों का आरोप है कि इससे योग्य उम्मीदवारों के लिए अवसर सीमित होते हैं।
अब विरोध प्रदर्शन कोटा मुद्दे से आगे बढ़कर सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है। प्रदर्शनकारियों को फिल्म सितारों, संगीतकारों और यहां तक कि कपड़े की फैक्ट्री चलाने वालों का भी समर्थन मिल रहा है।
2009 से सत्ता में मौजूद पीएम शेख हसीना के लिए यह बड़ी चुनौती है। वह इसी साल जनवरी में हुए चुनाव में जीतकर लगातार चौथी बार सत्ता में आईं हैं। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने इस चुनाव का बहिष्कार किया था।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने रविवार को 39 जिलों में जनप्रतिनिधियों के घरों, 20 अवामी लीग कार्यालयों, पुलिस स्टेशनों और अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमला किया। इस दौरान तोड़फोड़ और आगजनी की गई। कई जिलों में प्रदर्शनकारियों और अवामी लीग व उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं के बीच झड़पें हुईं। 14 अलग-अलग जगहों पर सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, सांसदों और नेताओं के घरों और कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई।
उपद्रव के जवाब में सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। सोमवार से तीन दिन की छुट्टी की घोषणा की गई है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख राजमार्गों को बंद कर दिया है। पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है। सिराजगंज में तेरह पुलिसकर्मियों की पीट-पीटकर हत्या की गई। दो सांसदों के घरों को जला दिया गया।
खालिदा जिया की जेल से रिहाई का आदेश
बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद अब वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पूर्व पीएम और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है. तख्तापलट होने के बाद राष्ट्रपति ने एक आदेश जारी कर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश में सोमवार को बवाल बढ़ने के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और वो देश छोड़कर भारत पहुंच गई हैं. यहां उन्हें गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के सेफ हाउस में रखा गया है.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और बांग्लादेश छोड़कर जा चुकी हैं. फिलहाल देश की कमान बांग्लादेश की सेना के हाथ में है. जल्द ही नई सरकार बनाने की तैयारी भी शुरू हो जाएगी, जिसके सूत्रधार मोहम्मद यूनुस को बनाया गया है. मोहम्मद यूनुस को विश्व का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. नोबेल पुरस्कार विजेताओं और वैश्विक नेताओं ने साल 2023 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मोहम्मद यूनुस के खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई को रोकने का अनुरोध किया था. उन पर गबन के आरोप थे.
मोहम्मद यूनुस एक सोशल वर्कर है, बैंकर और इकोनॉमिस्ट है. चटगांव यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इकोनॉमिक्स में ही पीएचडी की और छोटे लोन देने का प्रोग्राम शुरू किया. काम बढ़ता गया और उन्होंने बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक की स्थापना की. गांव के लोगों का स्तर बढ़ाने और उन्हें बैंकों तक पहुंचाने के लिए 2006 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
बांग्लादेश में कितना है आरक्षण?
बांग्लादेश में कुल 56 फीसदी आरक्षण फर्स्ट और सेकेंड क्लास नौकरियों में मिलता है। इस व्यवस्था को भेदभाव वाला और राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल होने वाला बताया जाता रहा है।
आरक्षण आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे नाहिद इस्लाम वह ढाका यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र के छात्र हैं। वह स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट SADM के नेता हैं जिसके बैनर तले छात्रों ने मांग की थी कि बांग्लादेश में कोटा सिस्टम में बदलाव किया जाए। इसके तहत 30 फीसदी आरक्षण बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोगों के परिजनों को मिलता है।
नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार, ये तीन छात्र नेता हैं जो ढाका में तख्तापलट के महत्वपूर्ण कारण बने। तीनों ही छात्र ढाका यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं और आरक्षण के खिलाफ चलने वाले आंदोलन के अगुवा थे। सूत्रों के अनुसार तीनों को ही 19 जुलाई को अगवा कर लिया गया था। उनसे कड़ी पूछताछ की गई और उत्पीड़न भी हुआ। फिर 26 जुलाई को वे छोड़ दिए गए। इसके बाद आंदोलन को इन लोगों ने फिर से आगे बढ़ाया और करीब 10 दिन के अंदर ही तख्तापलट हो गया। अब कमान सेना के हाथों में हैं। अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज है, जिसमें इन तीनों छात्र नेताओं की भी अहम भूमिका है।
नाहिद इस्लाम के एक अन्य सहयोगी आसिफ महमूद ढाका यूनिवर्सिटी में भाषाशास्त्र के छात्र हैं। वहीं अबू बकर मजूमदार भी ढाका यूनिवर्सिटी से ही पढ़ रहे हैं। वह भूगोल के छात्र हैं और बांग्लादेश के इतिहास को बदलने में जुटे हैं। अबू बकर को भी अगवा कर लिया गया था और आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए उत्पीड़न किया गया था। यहां यह उल्लेखनीय है कि इन तीनों ही छात्र नेताओं की उम्र 25 साल के आसपास है।
बांग्लादेश पर बड़ा खुलासा!
कुछ दिन पहले शेख हसीना चीन गयी थीं!
चीन से बीच यात्रा में ही गुस्सा होकर वापस लौट आयी थीं शेख हसीना।
चीन ने तीस्ता नदी परियोजना को लेकर बांग्लादेश को धोखा दिया था, 4 लाख करोड़ लोन देने का वादा किया था, लेकिन दे रहा था केवल 900 करोड़।
इसके बाद शेख हसीना ने ऐलान कर दिया था कि हम तीस्ता नदी प्रॉजेक्ट भारत को देना चाहते हैं।
पाकिस्तानी ISI का हाथ बांग्लादेश हिंसा में शामिल!
बगावत के पीछे इस्लामिक छात्र शिबिर (ICS) का हाथ, छात्रों को भड़काने में ISI का हाथ।
ICS का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संबंध।
भारत में गिरफ्तार कई आतंकी ICS के कैडर रहे हैं।
ISI के लोग फेक छात्र आंदोलन में शामिल थे, फेक DP लगाकर ISI के एजेंट सक्रिय थे।
आंदोलन में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन जमात ए इस्लामी का छात्र विंग शामिल।
इस्लामिक छात्र शिबिर के लोगों ने पूरे ढाका में उपद्रव मचाया।
JMB के कई आतंकियों का ICS से भी है रिश्ता, ISI ने छेड़ी थी बांग्लादेश में इंडिया आउट मुहिम।