उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संकट को लेकर आगामी 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान किया है और कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। उन्होंने बृहस्पतिवार (19 मार्च) को करीब 30 मिनट के राष्ट्रीय संबोधन में सभी भारतीयों से अपील की कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए यथासंभव घरों के अंदर ही रहें और कहा कि दुनिया में कभी इतना गंभीर खतरा पैदा नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री ने अपने कोरोना वायरस महामारी संकट पर अपने संदेश में कहा था कि यह सोचना सही नहीं है कि सब ठीक है और इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों से केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा जारी परामर्शों का पालन करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतनी संख्या में देश प्रभावित नहीं हुए थे जितनी कि कोरोना वायरस से हुए हैं।
90 ट्रेनें रद्द
वही, रेलवे ने यात्रियों की कम संख्या और कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 20 से 31 मार्च के बीच चलने वाली 90 ट्रेनें शुक्रवार (20 मार्च) को रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही रद्द की गईं ट्रेनों की संख्या बढ़कर 245 हो गई है। इससे पहले बृहस्पतिवार (19 मार्च) को रेलवे ने 84 ट्रेंने रद्द करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के चलते 155 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं।
सूत्रों ने कहा, ”जिन लोगों ने इन ट्रेनों में टिकट बुक कराए थे, उन्हें व्यक्तिगत रूप से इसकी जानकारी दी जा रही है। इन ट्रेनों में टिकट रद्द होने का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यात्रियों को पूरा पैसा वापस मिलेगा।” उन्होंने कहा, “सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना जरूरी है। हम केवल कम यात्रियों वाली ट्रेनें ही रद्द कर रहे है।”