पंकज श्रीवास्तव
प्रयागराज।
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के वर्तमान अध्यक्ष हरिशंकर सिंह को पद से हटा दिया गया है. कर्तव्यों के निर्वहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। उनकी जगह पर उपाध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र नगरहा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मनन मिश्र ने उन्हें पद से हटाने के साथ ही 14 मार्च के बाद उनके द्वारा जारी सभी आदेशों को स्थगित करते हुए उन्हें बार काउंसिल की आम सभा में रखने का निर्देश दिया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने यह कार्रवाई वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर बार काउंसिल के आठ सदस्यों की शिकायत के आधार पर की है।
इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पूर्व अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी कर दस दिन में जवाब भी मांगा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अंतरिम व्यवस्था बनाये रखने के लिए बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष देवेन्द्र मिश्र नगरहा को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके बाद शनिवार को यूपी बार काउंसिल पहुंचकर देवेन्द्र मिश्र नगरहा ने कार्यवाहक अध्यक्ष का पद भार संभाल लिया है।
इस मौके पर उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष हरिशंकर सिंह के कार्यकाल में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच कराये जाने की भी बात कही है। उन्होंने कहा है कि 21 मई को उनकी अध्यक्षता में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की पहली बैठक होगी। जिसमें सदस्यों से अनुमति लेकर हरिशंकर सिंह के कार्यकाल की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ज जज से करायी जायेगी।उनके मुताबिक बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चुनाव कराने में जहां निवर्तमान अध्यक्ष लगातार टाल मटोल कर रहे थे। वहीं लॉकडाउन में जरुरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद दिए जाने को लेकर भी उन्होंने कोई गम्भीरता नहीं दिखायी थी।इसके साथ ही हरि शंकर सिंह ने 15 मई को 72 लाख के गबन के आरोपी सचिव राम जीत सिंह यादव का निलंबन रद्द करते हुए उन्हें बहाल कर दिया था।नि
अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी प्राधिकार के ऐसे लिपिक के जरिए संयुक्त रूप से बैंक खाता खुलवाया जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं है। इस खाते में पंजीकरण से प्राप्त लाखों रूपये जमा कराये।गौरतलब है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हरिशंकर सिंह का कार्यकाल 8 जून को खत्म हो रहा था। लेकिन उससे पहले ही उनके खिलाफ सदस्यों की ओर से की गई शिकायत पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने ये बड़ी कार्रवाई की है।
पंकज श्रीवास्तव, अधिवक्ता, उच्च न्यायालय
प्रयागराज ।