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सॉफ्टवेयर्स का निर्माण के क्षेत्रों में उपयोग के विषय में विस्तार से चर्चा

बिल्डिंग डिजाइन में टेक्नोलॉजी


डॉ दिलीप अग्निहोत्री

भवन निर्माण भी सदैव एक कौशल के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। अपने अपने समय में विशेषज्ञों ने अपने अपने हुनर का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अनगिनत प्राचीन इमारतें आज भी अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। आधुनिक युग में में नई नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में सिविल इंजियरिंग के विद्यर्थियो को इसकी जानकारी होनी चाहिए।

इसी को ध्यान में रखकर लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग संकाय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा बिल्डिंग डिजाइन मे टेक्नोलॉजी की उपयोगिता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें सिविल इंजिनियरिंग छात्र ऑनलाइन सहभागी हुए। वेबिनार में एक्सपर्ट राजेन्द्र एवम् अली अंसारी ने छात्रों को आधुनिक भवन निर्माण शैली से अवगत कराया।

राजेन्द्र ने ये बताया कि बिल्डिंग डिजाइन में डिजिटल मॉडल्स के थ्री डी डिजाइन के लिए आधुनिक बीआईएम बिल्डिंग इनफार्मेशन मॉडलिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग हो रहा है। यह सॉफ्टवेयर भवन का आकर्षक दिखने वाला थ्री डी मॉडल के साथ मेटाडेटा की कई परतें बनाता है। उन्हें एक सहयोगी वर्कफ़्लो के भीतर प्रस्तुत करता है। जिससे बिल्डर्स के लिए बिल्डिंग की डिजाइन समझना बहुत आसान हो जाता है। अली अंसारी ने निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में लाए जाने वाले सॉफ्टवेयर्स ऑटोकैड थ्री डी स्टैडप्रो, प्रीमेवरा आदि के कार्यचलन, उनकी महत्ता एवम् उनके मूलभूत अवधारणाओं सिद्धांतों की जानकारी दी। सॉफ्टवेयर्स का निर्माण के क्षेत्रों में उपयोग के विषय में भी विस्तार से बताया।

इसके अलावा इससे संबंधित समस्याओं के समाधान पर भी जानकारी दी। वेबिनार का आयोजन इंजी.जितेंद्र प्रताप सिंह एवं इंजी. गौरव श्रीवास्तव द्वारा किया गया। यह जानकारी डॉ हिमांशु पांडेय ने दी।

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