ललिता की कविताएं
“कुछ पृष्ठ अभी तक खाली हैं”
प्रयागराज।
महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई के तत्वावधान में अध्यक्ष रचना सक्सेना और महासचिव ऋतन्धरा मिश्रा के संयोजन में 19 जुलाई से प्रारम्भ की गई पुस्तक परिचर्चा के अंतर्गत 8 नवम्बर दिन रविवार से कवयित्री ललिता नारायणी के काव्य संग्रह पर केन्द्रित परिचर्चा प्रारम्भ की गयी जो 29 नवम्बर को समाप्त कर दी गयी जिसमें अनेक महिला साहित्यकारों ने उनके काव्य संग्रह पर अपने समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत किये।
*महक जौनपुरी ने अपने शब्दों में कहा* .. आपने कवि की अद्भुत प्रतिभा है कुछ पृष्ठ अभी तक खाली हैं… जगत में अपना विशेष स्थान निर्मित करेगी । रेनू मिश्रा द्वारा ने कहा कि ललिता जी की कविताएं समाज के प्रारूप को उकेरने में सफल एवं सार्थक रही।
*प्रयागराज की वरिष्ठ साहित्यकार मीरा सिन्हा के शब्दों में* ….. ललिता जी की कविताएं वैविध्य पूर्ण है और संवेदना से परिपूर्ण है…. कवियत्री में अपार संभावनाएं हैं ….प्रयागराज की वरिष्ठ रचनाकार *जया मोहन के शब्दों में*… सुंदर सौम्य व्यक्तित्व की स्वामिनी ललिता जी पर मां सरस्वती की कृपा है । उनकी लेखनी सुंदर भाव उकेरती है।
*रचनाकार नीना मोहन द्वारा* … ललिता जी की कल्पना का संसार बहुत ही विस्तृत और सजग है उनकी लेखनी संवेदक परक एवं कोमल भावों से रससिक्त मन पर गहरा प्रभाव डालती है।
*डिग्री कॉलेज की प्राचार्या पूर्णिमा मालवीया के शब्दों में* आपने जिस विषय पर कलम चलाई उसी विषय को झकझोर दिया जिससे पाठक के मन पर अमिट छाप पड़ी …, *डॉ उपासना पांण्डेय ने कहा* … ललिता दीदी की कविताएं बरबस ही ध्यान अपनी तरफ आकृष्ट करती हैंं।
साहित्यकार *स्नेहा उपाध्याय* के शब्दों में…… रससिक्त भावों से भिगोती कविताएं मन को आल्हादित करती हैं कविताएं गागर में सागर सदृश महाकाव्य को समेटे हुए हैं।
प्रयागराज की वरिष्ठ साहित्यकार *कविता उपाध्याय द्वारा …* ललिता जी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देने की क्षमता रखतीं हैं शब्द सरल तथा भावों से परे हैं *रचनाकार इंदु सिन्हा द्वारा…..* सभी कविताओं में समाज परिवार देश प्रकृति का बेहतरीन चित्रण है।
*प्रयागराज के वरिष्ठ साहित्यकार जाने-माने शायर मनमोहन सिंह तन्हा के बयानों में*.. आपका एक-एक शब्द बहुत ही कीमती है, आपकी रचनाओं की विविधता साहित्य के प्रति समर्पण आपको काव्य जगत मैं बहुत ऊंचा मुकाम देगा।
*डा. ऋतन्धरा मिश्रा* कहती है कि गागर में सागर भरने जैसा भाव से परिपूर्ण ललिता नारायणी का काव्य संग्रह कुछ पृष्ठ अभी तक खाली है जिसकी भाषा सरल और सहज पाठकों को समझाने और कविता रस में डूबने और आनंदित करनें में मजबूर कर देगी।
*रचना सक्सेना* के अनुसार ललिता नारायणी का काव्य संग्रह कुछ पृष्ठ अभी भी खाली है एक ऐसा महत्वपूर्ण काव्य संग्रह है जिसके हर एक पृष्ठ के ऊपर अंकित आपके भावों का गुंठन कविता के रुप में जो दिखाई देता हैै। वह वास्तव में एक कवि ह्रदय की स्पष्ट अभिव्यक्ति है जिसके माध्यम से कवयित्री ने अपने कोमल भावनाओं को सामाजिक पारिवारिक परिवेश में व्यक्त किया है
मैं आप सभी के प्रति आभार ज्ञापित करती हूँ 🙏
रचना सक्सेना