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“CPR द्वारा रुकी हुई सांसों एवं हृदय गति को पुनर्जीवित किया जा सकता है”

जीवन रक्षक कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन यानी हृदय फेफड़े का पुनर्जीवन जिसे सीपीआर कहते हैं, के द्वारा समय पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करके आप लोगों को मौत के मुंह से बचाया जा सकता है।

अखिल भारतीय महिला परिषद सुबोधिनी सिटी ब्रांच के द्वारा टैगोर टाउन स्थित डॉ सी. पी.शर्मा क्लासेस में आयोजित एकदिवसीय चिकित्सा जागरूकता कार्यक्रम में एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ राजीव गौतम ने सीपीआर के बारे में सचित्र जानकारी देते हुए कहा कि कृत्रिम स्वास्थ्य एवं सीपीआई के द्वारा रुकी हुई सांसों एवं हृदय गति को पुनर्जीवित किया जा सकता है।

ऑल इंडिया वूमेन्स कांफ्रेंस सुबोधिनी सिटी ब्रांच इलाहाबाद की स्टैंडिंग कमेटी मेंबर डॉ शान्ति चौधरी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि बिना भोजन के एक माह तक, बिना जल के एक सप्ताह तक जिया जा सकता है लेकिन बिना ऑक्सीजन के क्षण भर जीना मुश्किल । सेवा हमारा सबसे बड़ा धर्म है। दुर्घटनाग्रस्त लोगों को नजरअंदाज न करें बल्कि बेहोश व्यक्ति को सीपीआर एवं प्राथमिक चिकित्सा प्रदान कर जीवन रक्षा में सहायक हो सकते हैं।

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित नागरिक सुरक्षा को के रवि शंकर द्विवेदी ने प्राथमिक चिकित्सा (फर्स्ट एड) के विषय में महत्वपूर्ण बातें बतायीं। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया। कार्यक्रम की प्रारंभ में डॉ सी.पी. शर्मा ने स्वागत किया और अंत में ए. आई. डब्ल्यू. सी. की सचिव ज्योति श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस कार्यक्रम में संस्था की संरक्षक जमनोत्री गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य डॉ गीता कौरा, सुभाष राठी, प्रिया नारायण, राजलक्ष्मी शुक्ला, डॉ रश्मि शुक्ला का योगदान रहा। सैकड़ो छात्र-छात्राएं इससे लाभान्वित हुए।

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