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लाखों की ठगी करने वाले नाइजीरियन गैंग का पर्दाफाश

नाइजीरियन गैंग का पर्दाफाश
एक जालसाज गिरफ्तार  बाकी की तलाश

ए अहमद सौदागर

लखनऊ।

ई-मेल स्पूफिंग करके विभिन्न बैंक खातों से लोगों को ठगी करने वाले नाइजीरियन गैंग के एक गुर्गे को साइबर सेल ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी ने ईमेल स्पूफिंग कर लाखों की ठगी करता था। नाइजीरिया में बैठे आका ठगी की रकम इन्हीं खातों में मंगवाता थे, जिसे आरोपी बैंक से निकाल कर सरकना तक पहुंचाते थे।
साइबर सेल के हत्थे चढ़े ठग के पास से 40 ग्राम गोल्ड जिसकी कीमत करीब 170000 रुपए, एक मोबाइल फोन व एक लैपटॉप बरामद हुआ है।
डीसीपी क्राइम पीके तिवारी ने बताया कि मार्च माह में एक महिला ने साइबर सेल में प्रार्थना पत्र देकर बताया की उनके साथ ईमेल स्पूफिंग कर धोखाधड़ी करके करीब 80 लाख रुपए ऑनलाइन स्थानांतरण अमेजॉन पे के जरिए से कर लिया गया था।
उन्होंने बताया कि महिला की तहरीर पर चौक कोतवाली में जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर साइबर क्राइम सेल टीम को तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे।
साइबर सेल टीम जांच पड़ताल की तो मामला सही पाया गया और समीर सेठ, निवासी 15 नवीन अपार्टमेंट अप अपोजिट सैनिक विहार नॉर्थ वेस्ट दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया।
इस्पेक्टर चौक अमरनाथ विश्वकर्मा के मुताबिक पकड़ा गया आरोपी शातिर किस्म का जाल साज है और इससे पहले भी ठगी की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
इस्पेक्टर का कहना है कि पूछताछ में जाल साज समीर सेठ ने बताया कि इस ठगी के काम में नाइजीरियन लोग हैं जिनका काम ईमेल स्पूफिंग करके विभिन्न बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कराया जाता है, रकम को अमेजान पे वॉलेट के माध्यम से गिफ्ट कार्ड निर्धारित कीमत का मांगा जाता है।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि रकम के गिफ्ट कार्ड को 30% के लाभ पर नाइजीरियन से प्राप्त करके अपने अमेजॉन वॉलेट में रिडीम क्रेडिट कराया जाता है फिर वक्त गिफ्ट कार्ड को रिडीम करा कर गोल्ड की खरीदारी की जाती है।
शातिर जाल साज समीर ने पुलिस की पूछताछ मैं अपना जुर्म इकबाल करते हुए बताया कि गोल्ड को बेचकर हासिल की गई रकम पर 10% का लाभ लेकर बिटकॉइन के माध्यम से नाइजीरियाई लोगों को ट्रांसफर किया जाता था।
आरोपी ने बताया कि इस रकम में से 40% का फायदा खुद उठाता था। पुलिस को इसके पास से 40 ग्राम गोल्ड, एक मोबाइल फोन व एक लैपटॉप बरामद हुए हैं।
डीसीपी क्राइम ने बताया कि पकड़ा गया जाल साज अकेला नहीं बल्कि इस गिरोह में कई और लोगों के शामिल होने की बात प्रकाश में आई है जिसके बारे में गहन छानबीन की जा रही है।

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