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पन्द्रह दिन बाद भी नहीं मिले खूनी लुटेरे

चौक कांड : हाथ पर हाथ धरे बैठी है पुलिस

ए अहमद सौदागर

लखनऊ।

चौक के नादान महल रोड नेहरू क्रास स्थित किराना व कमला पसंद कारोबारी रामनिवास अग्रवाल के दुकान में 20 फरवरी 2020 को दिनदहाड़े बदमाशों ने धावा बोलकर लूटपाट के दौरान दुकान में मौजूद नौकर सुभाष की गोली मारकर हत्या कर दिया। पुलिस अधिकारी दलबल के साथ मौके पर पहुंच कर छानबीन की, लेकिन हत्यारों का सुराग नहीं लगा।
तफ्तीश के दौरान शक की सुई इलाकाई बदमाशों से लेकर गैर जनपदों के सूचीबद्ध बदमाशों की ओर घूमी। पुलिस अफसरों ने उस समय बहुत जल्द सुराग लगाकर खूनी लुटेरों को पकड़ने का दावा किया, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी हत्यारे पकड़े नहीं गए।
कातिलों की तलाश में पुलिस की टीमों ने लखनऊ जेल से लेकर सीमावर्ती जिलो की जेलों में बंद कई अपराधियों से भी पूछताछ की, लेकिन इनसे भी पुलिस को कुछ भी सुराग नहीं मिल सका।
फिलहाल बेखौफ हत्यारों की तलाश में जुटी पुलिस की विवेचना तेज गति के बजाय धीमी होती नजर आ रही है। नतीजतन 2 सप्ताह बाद भी पुलिस की 9 टीमें बदमाशों की गर्दन दबोचने में नाकाम रही।
,पूरे घटनाक्रम पर एक नजर,
चौक के नादान महल रोड स्थित किराना एवं कमला पसंद व्यवसाई रामनिवास अग्रवाल रोज की तरह 20 फरवरी को भी अपनी दुकान पर नौकर सुभाष सहित अन्य कर्मचारियों के साथ बैठे थे कि इसी दौरान असलहों से लैस बाइक सवार बदमाशों ने धावा बोलकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
जब तक रामनिवास कुछ समझ पाते कि इससे पहले बदमाशों ने सभी को अपने निशाने पर ले लिया और लूटपाट शुरू कर दी।
बदमाशों का आतंक देख दुकान में मौजूद नौकर सुभाष बदमाशों से भिड़ने की कोशिश की तो उसके सीने में गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुलाने के बाद लाखों की नगदी लेकर भाग निकले।
दिनदहाड़े हुई घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
वहां का मंजर देख पुलिस कमिश्नर ने जल्द से जल्द कातिलों की तलाश करने और पकड़ने के लिए फरमान जारी किया।
कमिश्नर का आदेश मिलने के बाद पुलिस की नौ टीमें अलग-अलग दिशाओं में रवाना हुई।
पुलिस शुरुआती दौर में लखनऊ के सूचीबद्ध इलाकाई बदमाशों की कुंडली खंगालने के साथ-साथ जिला जेलों में बंद कई खूंखार अपराधियों से पूछताछ कर उनका ब्योरा भी खंगाला। है ही नहीं पुलिस की टीमें सीमावर्ती जिलों में जाकर डेरा भी डाला, लेकिन 15 दिन गुजरने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पुलिस अब तक करीब 2 दर्जन से अधिक संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी, लेकिन नतीजा सिफर का सिफर ही रहा गया और हत्यारे हाथ नहीं आ सके।
इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त विकास चंद त्रिपाठी का कहना है कि पुलिस की टीमें कातिलों की तलाश में सरगर्मी से जुटी हुई है और जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे।

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