लखनऊ में कमलेश तिवारी की जिस सनसनीखेज हत्या ने सबको हिला दिया था और कुछ और समय के लिए तो उत्तर प्रदेश की पुलिस की क्षमता पर ही प्रश्नचिन्ह लगने लगे थे लेकिन अप्रत्याशित रूप से पुलिस ने भी जिस तरह से घटना के 22 घंटे के भीतर ही असली हत्यारों की पहचान कर ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ की तरह इस केस को वर्क आउट करके दिखा दिया, उसने भी लोगों को चौंका दिया है। खासकर उन लोगों को बेपानी कर दिया है जो सोचकर बैठे थे कि अब सरकार और पुलिस की जमकर आलोचना करने का लंबा समय मिल जायेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश के पुलिस मुखिया ओपी सिंह ने अपराधियों के खिलाफ व्यूह रचना की और कई प्रदेशों के आला अधिकारियों से संपर्क करके घेराबंदी की, उसने अभूतपूर्व सफलता दिलाई। सारे अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ गये।
यूपी पुलिस की इस सफलता ने सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। हालांकि हत्या की घटना की आलोचना किया जाना स्वाभाविक है लेकिन पुलिस की क्षमता का असली प्रदर्शन तो अपराधियों को पकड़ने और उन्हें कोर्ट से सजा दिलाने में माना जाता है जिसमें पुलिस को इस बार शत प्रतिशत सफलता मिली है। पहले निर्दोष लोगों को भी पुलिस जेल भेज दिया करती थी लेकिन अब सीसीटीवी के ज़माने में पुलिस पुरानी हरकतों से बचने लगी है। ऐसे में कमलेश की मां का भी यह रुदन बड़ा ही दुखद है कि पुलिस का क्या है, किसी को भी पकड़ लेगी? जो भी हो, इस केस की कई कड़ियां खुलनी अभी बाकी हैं लेकिन फिलहाल यूपी पुलिस ने अपना सिर ऊंचा कर लिया है और यही क्रम जारी रहा तो पुलिस पर लगने वाले तमाम दाग धुलने लगेंगे। पुलिस की इस सफलता की घोर आलोचक भी प्रशंसा कर रहे हैं।
Ghoomtaaina.in
लखनऊ।
कमलेश तिवारी हत्याकांड दोनो फरार हत्यारे मोइनुद्दीन और अशफ़ाक़ पकड़े जा चुके हैं । राजस्थान बॉर्डर से दोनों पकड़ में आये। मोइनुद्दीन और असफाक ही थे असली हत्यारे।
तीनोंसाजिशकर्ताओं को लखनऊ पुलिस ने सीजेएम की कोर्ट में किया पेश। तीनों साजिशकर्ता 4 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजे गए। सूरत से पकड़े गए साजिशकर्ता फैजान राशिद पठान और मौलाना मोहसिन शेख सलीम 4 दिन की कस्टडी रिमांड पर।
इस बीच संदिग्ध हत्यारे शाहजहांपुर में दिखाई दिए थे जिसके बाद एसटीएफ ने होटलों और मदरसों के मुसाफिरखानो में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी है. सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध दिखाई दिए हैं. फिलहाल एसटीएफ शाहजहांपुर में डेरा जमाए हुए है और सख्ती से आरोपियों की तलाश में जुटी है. सूत्रों की मानें तो कमलेश तिवारी की हत्या के संदिग्ध हत्यारे लखीमपुर जिले के पलिया से इनोवा गाड़ी बुक करा कर शाहजहांपुर पहुंचे थे।
संदिग्धों की शाहजहांपुर में लोकेशन मिलने पर एसटीएफ ने देर रात 4:00 बजे कई होटलों मदरसों और मुसाफिरखाना में ताबड़तोड़ छापेमारी की. रेलवे स्टेशन पर होटल पैराडाइस में लगे कैमरे की सीसीटीवी फुटेज में दोनों संदिग्ध हत्यारे दिखाई दिए हैं. दोनों संदिग्धों ने रेलवे स्टेशन पर इनोवा गाड़ी छोड़ दी और पैदल रोडवेज बस स्टैंड की तरफ जाते हुए दिखाई दिए हैं. एसटीएफ ने इंनोवा गाड़ी के ड्राइवर को कब्जे में ले लिया है . आशंका व्यक्त की जा रही है कि संदिग्ध शाहजहांपुर में ही कहीं छिपे हुए हैं. एसटीएफ की छापेमारी में होटल वाले भी सकते में है।
गुजरात से तीनों आरोपियों को लखनऊ लाया गया।लखनऊ एयरपोर्ट से गुपचुप तरीक़े से ले जाये गए।लखनऊ पहुंचे कमलेश तिवारी हत्यकांड के षड्यंत्रकारी आरोपी। पुलिस ने कोर्ट में पेश करने से पहले किसी गुप्त स्थान पर रखा।
कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले पर DGP का बयान-
“गिरफ्तार आरोपियों को लखनऊ लाया जा रहा है,सघन पूछताछ होगी,जांच के सभी विकल्प खुले हुए हैं. महाराष्ट्र गुजरात, कर्नाटक के DGPs व ATS के साथ हम सम्पर्क में है, आतंकियों के सेल्फ मोटिवेटेड ,स्लीप मॉड्यूलस भी होते हैं ,हम किसी भी सम्भवना से इंकार नहीं कर रहें हैं. जांच को जल्द लॉजिकल एन्ड तक पहुचायेंगे. ”
उत्तर प्रदेश पुलिस को मिली जबरदस्त सफलता। 24 घंटे से भी कम समय में सनसनीखेज हत्याकांड का हुआ खुलासा। इस केस को सुलझाने के लिए 55 पुलिसकर्मियों ने झोंक दी थी अपनी ताकत। यूपी पुलिस की प्रतिष्ठा लगी थी दांव पर।
कमलेश तिवारी की हत्या की वजह वर्ष 2015 में दिया गया विवादास्पद बयान था जिसकी वजह से उन पर अखिलेश सरकार ने रासुका लगाया था। कमलेश तिवारी को साल भर जेल में रहना पड़ा था। बाद में कोर्ट ने उन्हें रिहा के दिया था। हालांकि यह कभी साबित नहीं हो पाया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया भी था।
डीजीपी ऑपी सिंह ने खुद आईजी, एडीजी, एसएसपी के साथ एडीजी के कार्यालय पर शनिवार देर रात तक संदिग्ध महिला के साथ पूछताछ की। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि कमलेश तिवारी की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। हत्यारे उनके जानने वाले बनकर जांच पड़ताल के बाद ही उन तक पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को कमलेश तिवारी के परिवार से मुलाकात की। कमलेश तिवारी की मां ने योगी आदित्यनाथ को अपना बड़ा बेटा मानकर उन पर पूरा भरोसा जताया।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद स्वर्गीय कमलेश तिवारी की मां और पत्नी ने मीडिया से बातचीत की।
2 अलग अलग आईडी पर लखनऊ में रुके थे हत्यारे
होटल खालसा इन के कमरा न0 G-103 में रुके थे कमलेश तिवारी के हत्यारे
कैसरबाग थाना क्षेत्र के लालबाग में है होटल खालसा इन
शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद नाम से लगी है होटल पर आईडी
होटल का मालिक है हरविंदर सिंह
हरविंदर सिंह राजिस्थान निवासी हेमराज को लीज पर दिया था होटल खालसा इन
बेसमेंट में बने G-103 में रुके थे हत्यारे
17 अक्टूबर की रात 11:08 मिनट पर किया था चेक इन
हत्या की वारदात के दिन दोनो सुबह 10:38 मिनट पर निकले थे होटल से
दोनों हत्यारोपी ने हत्या से पहले होटल मैनेजर से ख़ुर्शीदबाग की मजार का पूछा पता
उसके बाद पूछा इमामबाड़ा का पता
बिना किराया दिए होटल से हुए फरार
हत्या की वारदात अंजाम देने के बाद 1:24 मिनट पर लौटे थे होटल खालसा इन मे
दोपहर 1:37 मिनट पर किया था होटल से चेक आउट
कमरे से खून से सने कुर्ते,जियो मोबाइल का डब्बा,शेविंग किट,चश्मे का डिब्बा और अन्य सामान किये बरामद
कमरे की फोरेंसिक फील्ड यूनिट ने निरीक्षण करने के बाद पुलिस ने कमरे को सील किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रविवार को अपने सरकारी आवास 5-कालीदास मार्ग, लखनऊ पर स्व. कमलेश तिवारी के परिवार से भेंट की। परिवार की मांगों पर बनी सहमति। डीजीपी ओपी सिंह और अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी भी रहे मौजूद।
24 घंटों की पड़ताल के भीतर ही हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारों के बारे में अहम सुराग जुटा लिए जाने का दावा किया है।
पुलिस अफसरों का यह अभी कहना है कि बहुत जल्द कातिल सलाखों के पीछे होंगे।
उधर गुजरात एटीएस ने मिठाई की दुकान पर मिठाई का डिब्बा खरीदते समय सूरत निवासी मौलाना मोहसिन शेख, फैजान, रशीद अहमद व खुर्शीद को गिरफ्तार कर दावा किया कि कमलेश हत्याकांड में इनकी अहम भूमिका सामने आ रही है।
नाका थाना क्षेत्र के खुर्शीद बाग कॉलोनी मैं रहने वाले हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की शुक्रवार को दिनदहाड़े दिनदहाड़े चाकू से गला रेत ने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बदमाशों ने उन्हें उस समय मौत की नींद सुला दिया,जब वे अपने कार्यालय में मौजूद थे। हत्यारों ने पहले कमलेश से पैर छूकर आशीर्वाद लिया फिर वारदात को अंजाम देने के बाद आराम से भाग निकले।
सीसीटीवी फुटेज में आए संदिग्धों की पहचान हो चुकी है।
हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड को लेकर पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर इस सनसनीखेज वारदात का राजफाश करने का दावा किया। शक के दायरे में आए सूरत निवासी मौलाना मोहसिन शेख, फैजान, रशीद व खुर्शीद अहमद को कातिल बता गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि कमलेश हत्याकांड में इन लोगों की अहम भूमिका सामने आ रही है और इन्हीं लोगों ने घटना को अंजाम दिया है।
वहीं, सीतापुर स्थित उनके पैतृक आवास पर शनिवार को जैसे ही कमलेश का शव पहुंचा तो मानो पूरे गांव में कोहराम मच गया।
परिजन बार-बार यही कह रहे थे कि जब तक मुख्यमंत्री मौके पर नहीं आ जाते हैं तब तक शव अंतिम संस्कार नहीं किया जायेगा, लिहाजा जिम्मेदार अधिकारियों के पहुंचने के बाद आश्वासन मिलने पर राज़ी हुए।
कमलेश की हत्या करने से पहले उनका पैर किसने छूकर आशीर्वाद लिया और क्यों माफी मांगी, फिलहाल पुलिस इस नतीजे पर पहुंचने के लिए कई तरह के बयान देने में जुटी हुई।
इन अनसुलझे सवालो के जवाब में पुलिस अधिकारियों का जवाब सिर्फ इतना भर है कि बिना विवेचना पूरी हुए कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
ज्ञातव्य है कि बेखौफ अपराधियों ने लखनऊ के नाका थाना क्षेत्र स्थित खुर्शीद बाग कालोनी निवासी हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के कार्यालय में धावा बोलकर उन की हत्या कर दी थी। डी जी पी ओपी सिंह ने इस मामले की जांच के लिए एस आई टी का गठन कर दिया है।
हिंदू महासभा नेता कमलेश तिवारी की हत्या किसने और क्यों की, इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो उस में दो युवक भगवा कुर्ता पहने हुए जाते दिखाई दिए। इससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने वाले गैर नहीं बल्कि कोई जानने वाले ही थे।
बताया जा रहा है कि वारदात करने के पूर्व हत्यारे मिठाई के डिब्बे में चाकू हुआ असलहा रखकर कमलेश से मिलने उनके कार्यालय में दाखिल हुए थे।
वही कमलेश को गोली मारे जाने की जानकारी मिलते ही लखनऊ के अलावा पूरे प्रदेश में हिंदू महा संगठन का गुस्सा फूट पड़ा और जगह-जगह सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। यही नहीं, गुस्साए प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुर्दाबाद का नारा भी लगाते नजर आये।
इसके अलावा कमलेश के परिजन अपने समर्थकों के साथ मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और वहां पर सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर हत्यारों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी किए जाने की मांग को लेकर अड़े रहे।
यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में तोड़फोड़ के साथ-साथ कई वाहनों को भी अपना निशाना बनाया।
मौके पर पहुंचे एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले की छानबीन की लेकिन वह भी बस इतना ही कह रहे हैं की घटना को अंजाम देने वाला कोई परिचित ही लग रहा है, लिहाजा मामले की गहन पड़ताल की जा रही है।
वही पुलिस भले ही अपनी सफाई में कुछ भी पेश कर रही हो, लेकिन कड़वा सच यही है की पुलिस अधिकारी व उनके मातहत अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश या फिर कोई और वजह, इसे लेकर फिलहाल पुलिस भी असमंजस में है।
सनसनीखेज वारदात को देखकर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने एस आईं टी टीम का गठन कर दिया है।
ओपी सिंह ने बताया कि हमे महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।डीजीपी सिंह ने दावा किया कि हमने सूचनाएं और सुराग के आधार पर पहले ही टीमें बनाई थी। हमे शुरू से आशंका थी कि इसके तार गुजरात से जुड़े हैं। हमारी टीम गुजरात भी ग यी डीजीपीहै।
ओपी सिंह ने बताया कि मिठाई के डिब्बे के आधार पर हमने गुजरात से संपर्क किया है। पुलिस ने सीटीवी फुटेज को खंगाला है।
डीजीपी ने बताया कि इस मामले में चार अपराधियों को हिरासत में लिया गया है। मौलाना मोहसिन शेख सूरत, फैजान सूरत, रसीद अहमद खुर्सीद अहमद सूरत सहित तीन गिरफ्तार। 2 अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी, फिर छोड़ा। तीनों कमलेश तिवारी की हत्या में सम्मिलित रहे-डीजीपी ओपी सिंह