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बस्ती में एक ही परिवार की 4 लोगों की ‘कुपोषण’ से मौत

बस्ती में एक ही परिवार की 4 लोगों की ‘कुपोषण’ से मौत
एनएचआरसी ने योगी सरकार को से किया जवाब तलब

यूपी के बस्ती जिले में कुपोषण से मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार ने योगी सरकार को नोटिस भेजा है। एनएचआरसी ने यह नोटिस एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर भेजी गई है जिसमें दावा है कि बस्ती के ओझागंज गांव में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत पिछले 6 साल में कुपोषण की वजह से हुई। कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है।
मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने मुख्य सचिव के जरिए यूपी सरकार को नोटिस भेजा। सरकार से इस मामले में बस्ती जिले में सामाजिक कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्यवन के संबंध में डेटा मांगा गया है। एनएचआरसी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार से कहा गया है कि पोषित आहार, पर्याप्त चिकित्सा और देखभाल व आजीविका के उचित साधनों के बावजूद अगर ये घटना हुई तो मानव अधिकारों का उल्लंघन है।
बस्ती के डीएम का कहना है कि परिवार को सरकारी योजनाएं और चिकित्सीय इलाज का लाभ दिया जाएगा। डीएम का दावा है कि परिवार के एक बच्चे की मानसिक हालत ठीक नहीं है लेकिन वह कुपोषण से पीड़ित नहीं है।यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब हरिश्चंद्र पांडेय नाम के शख्स ने अपनी चौथी और कुपोषित बच्ची को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में पहुंचे और अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई। हरिश्चंद्र की पत्नी और 3 बच्चों की मौत पहले ही हो चुकी है। हरिश्चंद्र दिल्ली में मजदूरी करके पेट पालते हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगर खबर सच्ची है तो यह पौष्टिक खुराक, पर्याप्त उपचार और जीविका के उचित माध्यमों की कमी के कारण मानवाधिकारों के हनन के गंभीर मुद्दे को उठाता है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौत के कारणों की जांच भी की जा रही है।राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि कुपोषण और मूल सुविधाओं की कमी से ऐसी दुखद मौतों की सूचना उसके लिए चिंता की बात है।दरअसल, बस्ती जिले के ओझागंज में रहने वाले एक ही परिवार के 4 सदस्यों की बीते 6 साल में कुपोषण की वजह से मौत हो गई है। ओझागंज गांव के परिवार में हरिश्चंद्र की पत्नी और उनकी 3 बेटियों की मौत 6 साल में हो चुकी है. हरिश्चंद्र मजदूरी करते हैं।

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