“नमामि गंगे” का विस्तार है गंगा यात्रा
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
गंगा जी के प्रति भारत की शाश्वत आस्था रही है। हमारी मान्यता है कि यह नदी देवलोक से उतर कर पृथ्वी पर आई हैं। इसका जल भी विश्व की अन्य सभी नदियों से अलग है। इनका स्वरूप व प्रकृति भी अलग है।
ऐसी कोई नदी नहीं जिसका जल बोतल में रखने के कुछ समय बाद खराब न होता है। लेकिन गंगा जी का जल अतिविशिष्ठ है। ऐसे में यह हम सब की जिम्मेदारी है कि इसका संरक्षण करें। सरकार के साथ साथ यह समाज की भी जिम्मेदारी है। गंगा जी की सफाई पर पहले भी बड़ी धनराशि व्यय की गई। लेकिन इससे गंगा की सफाई का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार की नमामि गंगे परियोजना के सार्थक परिणाम हुए है।
अब गंगा से जल परिवहन भी सुनिश्चित होगा। इसका व्यापार जगत को लाभ मिलेगा। गंगा जी का सांस्कृतिक के साथ साथ व्यापारिक महत्व भी है। लाखों लोग जीविका भी प्राप्त करते है। चालीस प्रतिशत से अधिक आबादी क्षेत्र की व्यापारिक गतिविधियां पहले गंगा जी के माध्यम से संचालित होती थी।
नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे परियोजना के संबन्ध में कहा था कि इससे देश की चालीस प्रतिशत आबादी सीधे लाभान्वित होगी। गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है। इसके प्रदूषण को समाप्त करने व पहले वाला स्वरूप देने के उद्देश्य से ही नमामि गंगे एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मिर्ज़ापुर में कहा कि बुंदेलखंड में घर-घर नल के जरिये शुद्ध पेयजल पहुंचाने का कार्य हो रहा है। 6000 करोड़ रुपये की परियोजना मिर्जापुर के लिए बनाई गई है। यहां मेडिकल कालेज का निर्माण हो रहा है और मां विंध्यवासिनी का तीर्थ भी विकसित होने जा रहा है। दशकों से उपेक्षित बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र का अब तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा यात्रा आस्था और अर्थ का संगम है, इसमें सभी का योगदान होना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि मां विंध्यवासिनी का पवित्र आंचल हमारे जीवन को धन्य करता है। वर्तामन में प्रदेश में बिजनौर और बलिया से दो गंगा यात्राएं निकाली जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है, क्योंकि गंगा जी को प्रदूषित किया जा रहा था और उसी क्षण पीएम मोदी ने नमामि गंगे की परियोजना से मां गंगा को निर्मल और अविरल करने का प्रण लिया।