भारी मात्र में देशी विदेशी हथियार बरामदगी का मामला। याची के वकील सिद्धार्थ सिन्हा के मुताबिक अब्बास राष्ट्रीय स्तर का शूटिंग का खिलाड़ी है, लिहाजा वह अधिक लाइसेंसी शस्त्र रख सकता है। ऐसे में याची के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है और उसे राजनीतिक रंजिश की वजह से इस मामले में फंसाया गया है।
विधि विशेषज्ञ जे.पी.सिंह की कलम से
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को एक शस्त्र लाइसेंस पर कई असलहे रखने के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस शबीहुल हसनैन व जस्टिस रेखा दीक्षित की खंडपीठ ने अब्बास की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाने के साथ ही राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संबंधित प्राथमिकी की वैधता को चुनौती देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुजरिश की थी। याची के वकील सिद्धार्थ सिन्हा के मुताबिक अब्बास राष्ट्रीय स्तर का शूटिंग का खिलाड़ी है, लिहाजा वह अधिक लाइसेंसी शस्त्र रख सकता है। ऐसे में याची के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है और उसे राजनीतिक रंजिश की वजह से इस मामले में फंसाया गया है। सरकारी वकील ने याचिका का विरोध किया।
पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि इस केस का न्यायिक क्षेत्र दिल्ली है। यह उत्तर प्रदेश के न्यायिक क्षेत्र से बाहर है। अदालत ने राज्य सरकार को याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को तीन हफ्ते का समय दिया और इस बीच याची की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। सरकार को हलफनामे में बताना होगा कि अब्बास अंसारी के खिलाफ किन कारणों से कार्रवाई की गई।
एसटीएफ कई महीनों से मुख्तार और उसके करीबियों के नाम से जारी शस्त्र लाइसेंसों की पड़ताल कर रही थी। जांच में पता चला कि अब्बास के लखनऊ के पते पर बने लाइसेंस पर डबल बैरेल बंदूक खरीदी गई है। पुलिस, डीएम की अनुमति के बिना ही यह लाइसेंस दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करवा लिया गया। लाइसेंस ट्रांसफर होने के बाद 5 असलहे और खरीदे गए। असलहे दिल्ली व यूपी दोनों जगह प्रयोग किए जा रहे थे।
12 अक्टूबर को महानगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस के मामले में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अब्बास की लोकेशन दिल्ली में है। पुलिस को अब्बास अंसारी के बसंतकुंज स्थित किराए के मकान का पता चला। पुलिस ने सर्च वॉरंट के आधार पर बुधवार को यहां छापेमारी की।
अब्बास अंसारी के दिल्ली स्थित घर पर हुई छापेमारी में लखनऊ पुलिस ने छह असलहे और 4431 कारतूस समेत भारी मात्रा में शस्त्र बरामद किए हैं। यह छापेमारी नई दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में स्थित घर पर हुई थी। अब्बास अंसारी पर धोखाधड़ी से लाइसेंस पर असलहे लेने का आरोप है। पूर्वांचल की मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर यह कार्रवाई की गई है।
अब्बास के पास से बरामद असलहों में इटली से आयातित 12 बोर की डबल बैरल और सिंगल बैरल बेरेटा गन के साथ ऑस्ट्रिया की ग्लॉक-25 पिस्टल के बैरल और स्लाइड समेत तमाम असलहे मिले हैं।लखनऊ की इंडियन आर्म्स कॉर्प से खरीदी गई है. 300 बोर की मैगनम रायफल, दिल्ली के राजधानी ट्रेडर्स से खरीदी गई है। 12 बोर की डबल बैरल बेरेटा गन और मेरठ के शक्ति शस्त्रागार से यूएसए की 357 बोर की रगर जीपी 100 रिवाल्वर भी उसके पास से मिली हैं।
स्लोवेनिया से लाई गई एक राइफल जिसमें 223, 357, 300, 30, 30-60, 308 औरी 458 बोर के सात स्पेयर बैरल हैं। ऑस्ट्रिया की 380 ऑटो बोर की ग्लॉक-25 पिस्टल की एक स्लाइड बैरल, ऑस्ट्रिया की ही 40 बोर की ग्लॉक-23 जेन-4 की एक स्लाइड बैरल, 22 बोर की एक अन्य विदेशी पिस्टल का स्लाइड बैरल, ऑस्ट्रिया की 380 बोर की एक मैगजीन, ऑस्ट्रिया की 40 बोर की एक मैगजीन और ऑस्ट्रिया का ही एक लोडर भी पुलिस ने जब्त किया है।
आरोप है कि अब्बास ने अलग-अलग राज्यों से अभिलेखों में धोखाधड़ी कर उक्त असलहे और कारतूस प्राप्त किए थे। अब्बास के खिलाफ महानगर कोतवाली में केस दर्ज होने के बाद से ही पुलिस ने सख्त कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर ली थी। इस मामले की जांच के लिए एसपी ट्रांस गोमती अमित कुमार को नोडल अधिकारी नामित कर सीओ महानगर आईपीएस सोनम कुमार के नेतृत्व में पुलिस की दो टीम गठित करके विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। दिल्ली पुलिस से अब्बास के असलहों के रिकार्ड मंगाने के बाद छापेमारी की तैयारी की गई। एसपी ट्रांस गोमती ने डीसीपी/एसीपी साउथ वेस्ट सफदरगंज इन्क्लेव नई दिल्ली से संपर्क कर स्थानीय स्तर पर सहयोग मांगा और कोर्ट से सर्च वारंट लेकर दिल्ली पहुंच गई, जिसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।