शीघ्र ही होली का पावन त्यौहार आने वाला है. आने वाली 9 मार्च को होलीका दहन किया जाएगा वहीं अगले दिन यानी 10 मार्च को होली खेली जाएगी. होली का त्यौहार भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का एक विशेष उदाहरण प्रस्तुत करता है. यह हमें एक ऐसा माहौल प्रदान करता है जिसमें किसी को किसी से कोई बैर नहीं रहता. सब एक दूसरे के रंग लगाते हैं और आपस में खुशियां मनाते हैं और हंसते गाते नाचते हैं.
सभी के आकर्षण का केंद्र –
रंगों से सरोवर यह त्यौहार न सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि बड़े बूढ़ों सभी के लिए एक खास आकर्षण का केंद्र रहता है. जिसमें परिवार और समाज के सभी लोग आपस में मिलजुल कर कुछ हंसी खुशी के पल साथ में बिताते हैं.
क्या होगा शुभ मुहूर्त –
इस बार होली का दहन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6:26 से लेकर 8:52 तक रहेगा. यानी कि होलिका दहन के लिए यह सबसे बेहतर समय रहेगा. यदि गांव आदि की बात करें तो गांवों में आज भी देसी बबूल की एक शाखा लेकर उसी को होलिका दहन के स्वरूप में जलाया जाता है. जलती हुई होलिका में ग्रामवासी नवीन अनाज की बालियों को सेकते हैं. एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और होली है ऐसा उद्घोष कर कर हंसते गाते नाचते हैं.
यह हैं मान्यता –
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन हिरण्यकश्यप नामक राक्षस के पुत्र प्रहलाद की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान ने प्रहलाद को जलती हुई अग्नि से भी सुरक्षित बचाया था. हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जलकर भस्म हो गई थी तभी से इस होली के पावन पर्व को मनाने की परंपरा चली आ रही है.