मैं पैदल ही चलने लगी तो मुझे घेरा, मेरा गला दबाया, मुझे पकड़कर धकेला।
क्या गाँधी परिवार की सुरक्षा से कम्प्रोमाइज कर उनका सुरक्षा स्तर घटाया गया :अनुग्रह
लखनऊ।
लखनऊ में प्रियंका गांधी से पुलिसिया दुर्व्यवहार पर देशव्यापी प्रतिक्रिया हुई है। एक ओर जहां योगी सरकार कटघरे में है, वहीं गृह मंत्रालय द्वारा प्रियंका गाँधी की एस पी जी सुरक्षा हटा कर सीआरपीएफ सुरक्षा दिए जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य एवं उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी पूर्व विधायक अनुग्रहनारायण सिंह ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा है कि सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रियंका गांधी की सुरक्षा को लेकर इतना लापरवाह था कि प्रियंका गाँधी तक न केवल यूपी पुलिस पहुंच गयी बल्कि उनके गले में हाथ लगा दिया और उन्हें धकेल के गिरा दिया?
यहाँ जारी एक बयान में उनहोंने सवाल उठाया है कि क्या गाँधी परिवार की सुरक्षा से कम्प्रोमाइज करने के लिए उनका सुरक्षा स्तर घटाया गया है ?अनुग्रहसिंह ने कहा है कि अब सीआरपीएफ यूपी पुलिस को और यूपी पुलिस सीआरपीएफ को क्लीन चिट दे रही है।
सुरक्षा घेरे को पारकर कैसे प्रियंका के पास पहुंच गयी पुलिस अफसर?
अनुग्रह सिंह ने कहा है कि सीआरपीएफ कह रही है कि 28 दिसंबर को प्रियंका गांधी का केवल एक प्रोग्राम बताया गया था, जिसके तहत उन्हें कांग्रेस स्थापना दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में जाना था। उसी दिन सुबह करीब 8 बजे हजरतगंज के सीओ अभय मिश्रा प्रियंका के रुकने के स्थान पर पहुंचे और कांग्रेस महासचिव के पूरे कार्यक्रम जानकारी मांगी। प्रियंका गांधी के निजी स्टाफ ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी।अधिकारी ने प्रियंका की सुरक्षा में कोई चूक नहीं की।
लेकिन सीआरपीएफ यह नहीं बता रही है कि उसके सुरक्षा घेरे को पारकर कैसे पुलिस अधिकारी प्रियंका के पास पहुंच गयी और न सिर्फ उनके गले में हाथ लगा दिया बल्कि धक्का देकर गिरा भी दिया?
अनुग्रह सिंह ने कहा है कि सीआरपीएफ उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करने में पूर्णतया असफल रही। दरअसल यह मामला शनिवार उस समय का है, जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता जफर से मिलने जा रही थीं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुईहिंसा भड़काने तथा अन्य आरोप में पुलिस ने पूर्व आईपीएस एस.आर. दारापुरी, सोशल ऐक्टिविस्ट तथा कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जफर को गिरफ्तार किया हुआ है। प्रियंका को पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया। इस दौरान प्रियंका तेजी आगे बढ़ते हुए निकली।
प्रियंका गांधी ने यूपी पूलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं अपना प्रोग्राम खत्म करके, बगैर किसी को कहे ताकि तमाशा न हो और डिस्टर्बेंस न हो, हम 4-5 लोग गाड़ी में बैठकर यहां आ रहे थे दारापुरी जी के परिवार से मिलने।रास्ते में पुलिस एक गाड़ी आई और उन्होंने हमारी गाड़ी के आगे रोक दी। उन्होंने कहा कि आप नहीं जा सकते। हमने पूछा कि क्यों नहीं जा सकते? उन्होंने कहा हम आपको जाने नहीं देंगे। मैंने कहा कि मुझे रोकिए?
मैं गाड़ी से उतर गई। मैंने कहा कि मैं पैदल जाऊंगी। मैं पैदल ही चलने लगी तो मुझे घेरा, मेरा गला दबाया, मुझे पकड़कर धकेला। ऐसा एक महिला पुलिस कर्मचारी ने किया। मैं गिर गई। उसके बाद भी मैं चलती रही।
थोड़ी देर बाद फिर मुझे रोका, फिर मुझे पकड़ा। उसके बाद मैं अपने कार्यकर्ता के साथ टू कर चली व्हीलर पर बैठ कर चली गई। उसके बाद उन्होंने टू व्हीलर को घेरा। मैं फिर पैदल यहां तक आई हूं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ लखनऊ में हुए दुर्व्यवहार मामले कोलेकर कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है।