बिजनौर सीजेएम कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने गोलियां बरसाकर आरोपी की हत्या
बिजनौर सीजेएम कोर्ट में मंगलवार दोपहर घुसकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) योगेश कुमार के सामने तिहाड़ जेल से पेशी पर आए एक हत्यारोपित की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। दूसरा हत्यारोपित भाग निकला। पुलिस ने फायरिंग करने वाले तीनों आरोपितों को कोर्ट में बंद कर दिया और बाहर भारी पुलिसबल तैनात कर दिया।
गोली लगने से एक हेड मोहर्रिर भी घायल हो गया।
बिजनौर सीजेएम कोर्ट में मंगलवार दोपहर सब कुछ ठीक चल रहा था। कोर्ट रूम में हत्या के आरोपी शाहनवाज के मामले की सुनवाई चल रही थी। शाहनवाज पर बीएसपी नेता अहसान अहमद और उनके भांजे की हत्या का आरोप है। इसी दौरान अचानक गोलियों की आवाज से कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर अपनी जान के लिए भागने लगे। बदमाशों ने आरोपी शाहनवाज को कोर्ट के अंदर गोलियों से छलनी कर दिया।
कोर्ट के अंदर ताबड़तोड़ 25 से 26 राउंड गोलियां चलाई गईं।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी(सीजेएम) के कोर्ट में फायरिंग से हड़कंप मच गया। इस दौरान बीएसपी नेता की हत्या के आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह पूरी वारदात उस वक्त हुई, जब सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी। सीजेएम योगेश कुमार इस फायरिंग में बाल-बाल बच गए। वारदात के बाद कोर्ट परिसर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। हत्या को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपियों ने सरेंडर कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस दुस्साहसिक वारदात के दौरान जज के सामने ही दरवाजा बंद करके पेशी पर आए आरोपी शाहनवाज की हत्या को अंजाम दिया गया। तीन आरोपियों का नाम इस हत्याकांड में सामने आ रहा है। शाहनवाज की गिनती मुख्तार अंसारी के करीबी के तौर पर भी होती थी।कोर्ट के मोहर्रिर भी इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सीजेएम कोर्ट में वारदात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अमले में हड़कंप मच गया। मौके पर भारी पुलिस बल को भेजा गया। इसके साथ ही एसपी भी वहां पहुंच गए।
इसी साल 28 मई को नजीबाबाद में बसपा नेता अहसान व उनके भांजे की उनके दफ्तर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी बाइक पर सवार तीन युवक हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर आए थे, जिसमें हथियार चिपा हुआ था। वारदात से पहले युवकों ने अंदर जाकर पूछा था कि हाजी एहसान कौन हैं और डिब्बे में से पिस्टल निकालकर दोनों पर गोलियां बरसा दी थीं। अहसान प्रॉपर्टी डीलर का भी काम करते थे।
इस हत्याकांड में नजीबाबाद के ही शहनवाज व जब्बार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इन पर पचास-पचास हजार का इनाम भी घोषित हुआ था । कुछ माह पूर्व दोनों ने दिल्ली में सरेंडर कर दिया था। दिल्ली पुलिस आज दोनों को पेशी पर लेकर सीजेएम कोर्ट बिजनौर आई थी। दोपहर को दोनों सीजेएम कोर्ट में थे। इसी बीच अहसान का बेटा साहिल अपने दो साथियों के साथ कोर्ट में पहुंचा और शहनवाज व जब्बार को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दी। शहनवाज को कई गोलियां लगीं और उसकी मौत हो गई। हेड मोहर्रिर मनीश भी गोली लगने से घायल हो गया। अफरा-तफरी के बीच पुलिस ने साहिल सहित तीनों को कोर्ट रूम में बंद कर दिया और चारों तरफ से कोर्ट को घेर लिया। घायल हेड मोहर्रिर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस जब्बार की तलाश में जुटी है।
कोर्ट में हुई इस वारदात से वकीलों में काफी नाराजगी है, उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट में हुई इस वारदात से वकीलों में काफी नाराजगी है, उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
बसपा नेता के हत्या के प्रकरण में यह भी खुलासा हुआ था कि नजीबाबाद का डॉन बनने के साथ विधायक बनने की चाहत में हाजी अहसान व उनके भांजे की हत्या कराई गई थी।शाहनवाज अहसान को रास्ते से हटाकर जमीनों पर कब्जे करना चाहता था। साथ ही बड़े लोगों से रंगदारी मांगने का उसका इरादा था।
हत्या की साजिश रचने में शामिल नजीबाबाद के गांव उब्बनवाला निवासी शूटर इकरार, नगीना देहात के गांव टांडा माईदास निवासी अफजाल, गांव कनकपुर निवासी दानिश उर्फ सोनू, नजीबाबाद के मोहल्ला पठानपुरा जाफ्तागंज निवासी आसिफ, गांव पाना हीमपुर निवासी असलम व गांव अलावलपुर निवासी इरशाद को पुलिस ने दबोचा था। इकरार के पास से एक तमंचा, दो कारतूस व इरशाद के पास से बाइक व उसके पुर्जे बरामद हुए थे,जबकि बाइक को कटवा दिया गया था।