पीडिता को इलाहबाद हाईकोर्ट से ब्लैकमेलिंग में मिली जमानत
विधि विशेषज्ञ जे.पी. सिंह की कलम से
प्रयागराज।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली बलात्कार पीडिता को बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने पीडिता की जमानत अर्जी मंजूर कर ली और उसे रिहा करने का आदेश दिया।
इस मामले में पीडिता की जमानत अर्जी पर पूर्व में 2 दिसंबर को सुनवाई होनी थी। हालांकि उस दिन सुनवाई टलने के बाद 4 दिसंबर को तारीख तय की गई थी।बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जस्टिस एसडी सिंह की एकल पीठ ने पीडिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया।
2 दिसंबर को पीडिता की अर्जी पर सुनवाई के दौरान जज अशोक कुमार की एकल पीठ ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने एसडी सिंह की एकल पीठ को सुनवाई के लिए नामित किया। पीडिता की वकील देवा सिद्दीकी ने बताया कि बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने छात्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली और उसे रिहा करने का आदेश दिया।
पीडिता को स्वामी चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के मामले में 25 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। पीडिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पीडिता ने अगस्त महीने में एक विडियो जारी कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण करने और कई लड़कियों के साथ रेप करने का आरोप लगाया था। इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में पीडिता जेल में बंद है। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जांच कर रही एसआईटी की टीम ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। पीडिता को चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगे जाने के मामले में एसआईटी ने 25 सितंबर को गिरफ्तार किया था। छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। इस वजह से चिन्मयानंद भी 20 सितंबर से जेल में बंद हैं। उनकी जमानत पर फैसला कोर्ट में सुरक्षित है।