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यूरिया की जगह अब जल्दी ही नैनो फर्टिलाइजर: डॉ अवस्थी

बहुआयामी परियोजनाओं की तरफ इफको के बढ़ते कदम,‌जिंक फर्टिलाइजर के स्थान पर अब नैनो जिंक: डॉक्टर उदय शंकर अवस्थी

अब आएगा नैनो नाइट्रोजन का ज़माना

फूलपुर से दयाशंकर त्रिपाठी


प्रयागराज।

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने आज यहां बताया कि इफको यूरिया फर्टिलाइजर उत्पादन को धीरे-धीरे कम करेगी और उसके स्थान पर नैनो नाइट्रोजन का उपयोग करने के लिए किसानों को प्रेरित करेगी। नैनो नाइट्रोजन एक बहू-उद्देशीय उत्पाद है, जिसकी खोज कलोल इकाई के नैनो नेशनल बायो रिसर्च सेंटर के द्वारा किया गया है यह एक बोरी यूरिया से सस्ती होगी और इसके प्रयोग से फसलों का उत्पाद में बढ़ोतरी के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाएगा।

‌डॉक्टर अवस्थी ने यह जानकारी फूलपुर इकाई में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि केमिकल युक्त फर्टिलाइजर का प्रयोग 1960 में शुरू किया गया और अभी तक उत्पादन की बढ़ोतरी के लिए किया जाता रहा है। लेकिन लगभग 50 साल बाद इसके प्रयोग के दुष्परिणाम भी सामने आये। लगातार प्रयोग से उत्पादन की कमी के साथ खेत में की मिट्टी के उपजाऊ तत्व नष्ट होने लगे तथा जमीन की उर्वरा शक्ति कम होने लगी जिससे धीरे-धीरे खेती बंजर होने का खतरा उत्पन्न हो रहा था।

साथ ही इसके लगातार प्रयोग से पर्यावरण पर खतरा उत्पन्न हो रहा था और पर्यावरण में लगातार गर्मी बढ़ने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा था। इफको संस्था ने इसको गंभीरता से लेते हुए अपनी कलोल इकाई में एक बहुत बड़ा प्रयोगशाला बनवाया और इसके विकल्प के लिए नैनो नाइट्रोजन की खोज की और उसका प्रयोग अपने संस्थान तथा किसानों की जमीन पर करके किया।

उन्होंने बताया कि खुशी और की बात यह है कि इन परीक्षणों के परिणाम सकारात्मक साबित हो रहे हैं। यही नहीं, नैनों में बाजार में आने के पूर्व 15000 किसानों के जमीन पर इसका प्रयोग किया जा रहा है जिसका परिणाम बहुत जल्दी आ जाएगा।

इसके बाद उत्पाद को किसानों के बीच लाया जाएगा और फिर बाजार में। इसके प्रयोग से किसानों की न केवल लागत में कमी आएगी, बल्कि उनकी फसल की उत्पादन की क्षमता भी बढ़ेगी और वातावरण पर्यावरण को कोई क्षति भी नहीं होगी। फिलहाल अभी केवल आधा यूरिया और आधा नैनो का प्रयोग किसानों को करने के लिए कहां जाएगा और उसका फायदा होने पर किसान स्वतः यूरिया का प्रयोग बंद कर देगा।

डॉ अवस्थी ने बताया कि पंजाब और पूरी उत्तर प्रदेश में किसानों की जमीन में जिंक की मात्रा की कमी आ गई है जिसको पूरा करने के लिए हमारे रिसर्च सेंटर ने नैनो जिंक तथा नैनो कापर का भी उत्पाद शुरू कर रहा है जो फसल के लिए बहुत जरूरी होता है।

डॉक्टर अवस्थी ने कहा कि केवल यूरिया अथवा केमिकल फर्टिलाइजर से इफको संस्था का भविष्य अच्छा नहीं रह सकता इसीलिए संस्था बहुआयामी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। हमने अनेक परियोजनाओं को लांच करने की तैयारी कर ली है उस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया इसी क्रम में उन्होंने सिक्किम सरकार के साथ साझेदारी करके सिक्किम में ऑर्गेनिक खेती की तरफ कदम बढ़ाया है। सिक्किम में पूर्ण रूप से केमिकल फर्टिलाइजर रहित उत्पादों को करने के लिए सिक्किम सरकार से समझौता करार किया है जिसमें 51% इको की भागीदारी रहेगी। वहां पर बड़ी इलायची हल्दी जैसे पोशाक पर काम शुरू हो गया है, ऑर्गेनिक प्रोसेस प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाया जा रहा है जिसका शिलान्यास वहां के मुख्यमंत्री ने कर दिया है।

उन्होंने बताया कि पंजाब में वहां की सरकार के सहयोग से रोपड़ जिले में वेजिटेबल प्लांट लगाने पर सहमति हो गई है जिससे कि सब्जी और सब्जी उत्पाद को सब्जी जैसे वेजिटेबल उत्पाद को फ्रिजर किया जा सके। इसके लिए 5000 किसानों से एक करार किया जा चुका है जो इस प्लांट के लिए अपनी सब्जी उत्पाद को देंगे। यह फ्रोजन उत्पाद हम विदेश भेजेंगे तथा इसकी 40 परसेंट खपत अपने देश में होगी। इससे हमारे देश में सब्जियों के दाम बढ़ने से रुकेगा और उनकी सब्जी की फसल नष्ट होने से बचेगी। इसके अलावा स्पेन देश के नवादा में भी करार किया गया है। वहां पर भी न्यू ट्रेन से पेप्सीसाइट एनालसिस करके फ्रोजन किया जाएगा।

डॉक्टर अवस्थी ने कहा कि उनकी केंद्र सरकार से बहुत दिनों से मांग है कि सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में भेजी जाए जिससे वह अपने हिसाब से फ़र्टिलाइज़र अथवा अन्य जरूरी उर्वरकों का प्रयोग कर सकें।

डॉक्टर अवस्थी ने कहा कि दुनिया बदल रही है। खाद्यान्न के मामले में देश आत्मनिर्भर हो गया है। आबादी बढ़ रही है, इसलिए हमको अब अन्य परियोजनाओं पर काम करना पड़ेगा। तभी संस्था का भविष्य सुरक्षित रहेगा।

डॉक्टर अवस्थी ने यह भी बताया कि इफको फूलपुर इकाई में यूरिया बनाने में पानी की खपत का प्रयोग 10% कम कर दिया गया है। आगे और भी काम करने पर यहां की टीम खोज कर रही है जो जल बचाओ अभियान का एक महत्वपूर्ण कदम है।

‌प्रबंध निदेशक डॉ अवस्थी ने 24 जनवरी को सायंकाल कर्मचारी संघ और अधिकारी संघ के साथ बैठक की और अनेक समस्याओं को सुना और विचार विमर्श किया। इसके बाद उन्होंने प्लांट का निरीक्षण भी किया। वह स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मिले जिसमें ब्लाक प्रमुख गीता सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख घनश्याम दुबे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एकलाख अहमद, आर एस बघेल, पूर्व मंत्री राम पूजन पटेल, विधायक मुस्तफा सिद्दीकी आदि थे।

डॉक्टर अवस्थी के तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में यहां का प्रबंधन अधिकारी संघ और यूनियन के नेता बेहद प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं। टाउनशिप और प्लांट अपने मुखिया के आगमन पर दुल्हन की तरह सजा है। इकाई प्रमुख एम मसूद के इकाई प्रमुख बनने के बाद वे पहली बार यहां आए हैं । कल वह कोर डेट की समीक्षा बैठक भी करेंगे।

डॉक्टर अवस्थी से यहां के सारे लोग चाहे वह मजदूर हो चाहे कर्मचारी हो चाहे प्रबंधन हो उनके उदार हृदय और साहसिक पूर्ण निर्णय का अंधा अनुकरण करता है और आने पर उसे कोई न कोई नया अनुभव और काम करने की ऊर्जा मिलती है ।


74 वर्षीय अवस्थी दुनिया के कुछ इने गिने लोगों में हैं जिन्होंने संस्था को आसमान की बुलंदियों तक अपनी कर्मठता दूरदर्शिता और कड़ी मेहनत के बदौलत पहुंचाया हैं जिससे न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में इफको की अपनी पहचान बन चुकी है।

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