यूपी में वंचितों को भरण पोषण भत्ता
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना वायरस से बचाव हेतु लॉक डाउन ही बेहतर तरीका है। इससे सभी लोगों को कठिनाई अवश्य होती है। लेकिन इसके अलावा अन्य कोई विकल्प भी नहीं है। इनमें सर्वाधिक मुसीबत का सामना दिहाड़ी श्रमिको व ठेला लगाकर जीवन यापन करने वालों को होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना व लॉक डाउन की आहट से साथ ही इस विषय में सोच लिया था। उन्होने इसके मद्देनजर समिति का गठन किया। दो दिन के भीतर उंसकी रिपोर्ट मिली। योगी ने उसे तत्काल मंजूर किया। इसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित कर दिया।
पहले चरण में बीस लाख से अधिक किसानों के खातों में एक हजार रुपये की धनराशि भेज भी दी गई। इससे साबित हुआ कि सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील है। वह उन्हें कोरोना से सुरक्षित रखना चाहती है। साथ ही लॉक डाउन की स्थिति में उनके भरण पोषण के प्रति भी सजग है। योगी ने कहा कि हमारी सरकार रेहड़ी ठेला,खोमचा,रिक्शा,ई रिक्शा चालक और पल्लेदारों को भी एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता दे रही है। इसके लिए नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से श्रमिक भरण पोषण योजना की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने चार श्रमिकों को प्रतिकात्मक तौर पर एक हजार रुपये का चेक भी वितरित किया। सरकार अंत्योदय राशन कार्ड धारक, निराश्रित वृद्धावस्था पेंशन,दिव्यांगजन पेंशन, निर्माण श्रमिक और प्रतिदिन कमाने वाले श्रमिकों को हम निशुल्क राशन उपलब्ध करा रही हैं। इसके तहत बीस किलो गेंहू और पन्द्रह किलो चावल की व्यवस्था की गई है। इससे वंचित रहने वालों की भी एक हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए जनपदों को पर्याप्त धनराशि भेजी जा चुकी है।