पूरा देश जहां होली मनाता है एक दूसरे से गले मिलकर अबीर और गुलाल लगाते हैं। वहीं भारत में कई ऐसी जगह है जहां होली नहीं मनाई जाती है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में कुरझण, क्वीली और जौंदली गांव में करीब 150 साल से होली नहीं मनाई जाती हैं।
यह गांव रुद्रप्रयाग जिले में आते हैं इसके पीछे की मान्यता है कि इस गांव की इष्टदेवी मां त्रिपुर सुंदरी देवी हैं लोगों का कहना है कि मां को हुड़दंग एकदम पसंद नहीं है ऐसे में होली पर तो मस्ती होती है इसलिए यहां के लोग होली मनाना बंद कर चुके हैं।
ऐसे ही दक्षिण भारत के शहर मुन्नार के ज्यादातर लोग होली के मौके पर अबीर-गुलाल नहीं खेलते। होली पर कोई किसी को रंग नहीं लगाता है।
अंडमान निकोबार के हैवलॉक आइलैंड के लोग होली नहीं मनाते हैं उनका कहना है कि होली रंगों का त्योहार है लेकिन रंग खेलने से शरीर में कई प्रकार के रोग हो जाते हैं इसके चलते वहां के लोग होली मनाना बंद कर दिया है।
महाबलीपुरम शहर जहां अपने मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है लेकिन हैरत की बात है कि यहां के लोग भी होली नहीं मनाते हैं होली वाले दिन कहीं भी आपको कोई रंग खेलता नजर नहीं आएगा।