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यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता का उद्घोष भारत में ही हुआ

महिला सशक्तिकरण का अभियान

डॉ दिलीप अग्निहोत्री


भारतीय संस्कृति में महिलाओं को सम्मानजनक व बराबरी का स्थान दिया गया। वैदिक काल में उंन्होने मंत्रों व सूक्तियों की रचना की,वह यज्ञों में बराबर की सहभागी हुआ करती थी।

यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता का उद्घोष भारत में ही हुआ। यहाँ दैवीशक्ति की उपासना का प्रावधान है। बाहरी आक्रांताओं के समय स्थिति में बदलाव आया। यही कारण है कि वर्ष में एक बार महिला दिवस मनाने और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू करने की नौबत आ गई। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत उनकी सरकार ने अनेक राष्ट्रव्यापी योजनाएं शुरू की थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद योग आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में इन सभी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। उन्होंने इस योजनाओं के संदर्भ में महिला आयोग से सहयोग की अपेक्षा की है। योगी ने आयोग के एक समारोह में कहा कि उज्ज्वला योजना,स्वच्छ भारत मिशन व ऐसी अन्य योजनाओं के प्रचार प्रसार दायित्व महिला आयोग संभालना चाहिए। क्योंकि ऐसी सभी योजनाएं महिला कल्याण को आगे बढ़ने वाली है। इनके माध्यम से महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। राज्य महिला आयोग महिलाओं को शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करके सशक्तीकरण की दिशा महत्वपूर्ण कार्य कर सकता है। शौचालय निर्माण का अभियान वस्तुतः महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए चलाया गया था। इसके तहत करोड़ो की संख्या में शौचालय का निर्माण किया जा चुका है। मुस्लिम महिलाओं को राहत व सम्मान दिलाने के लिए ही मोदी सरकार ने तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त किया। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए एण्टी रोमियो स्क्वाड का गठन किया गया। एक सौ इक्यासी महिला हेल्प लाइन तथा रेस्क्यू वैन सभी जनपदों में संचालित की जा रही है। महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना।चलायी जा रही है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से सभी वर्गाें की गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह की व्यवस्था गयी गयी है। तीन महिला पीएसी वाहिनियों का गठन किया गया है। समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। यह सही है कि जिस समाज में महिला का सम्मान होता है, वह समाज उतना ही उन्न्तशील होता है। महिलाओं को जागरूक करके ही उसे सशक्त बनाया जा रहा है।इसके अलावा महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। महिलाएं समाज का आधा हिस्सा हैं। उनकी अनदेखी करके किसी भी समाज का विकास नहीं किया जा सकता है। जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व महिलाएं करती हैं। इसलिए महिला जागरूकता के सर्वाधिक कार्यक्रम भी राज्य में होेने चाहिए।

उत्तर प्रदेश का लिंगानुपात पहले के मुकाबले बेहतर हुआ है। इन्द्र धनुष योजना के माध्यम से टीकाकरण को शत प्रतिशत सफलता मिली है। जाहिर है कि मोदी और योगी सरकार के प्रयासों से महिलाओं के कल्याण हेतु अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और समाज की प्रगति के लिए विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की समान भागीदारी आवश्यक है। हमारे इतिहास में अनेक महिलाओं के सन्दर्भ मिलते हैं जिन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से उपलब्धियों के उच्चतम आयाम स्थापित किये। वर्तमान समय में भी महिलाएं अपने विशिष्ट कार्यों से समाज को राह दिखा रही हैं। प्रदेश सरकार महिलाओं तथा बालिकाओं के सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन के प्रति कृतसंकल्प है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना सहित अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उधर नई दिल्ली में राष्ट्रपतिरामनाथ कोविंद ने उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी,निर्मला सीतारमण भी मौजूद थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित नारी शक्ति पुरस्कार प्रतिवर्ष आठ मार्च को प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज,देश एवं विश्‍व के निर्माण में महिलाओं की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है।
महिला दिवस उनके प्रति सम्‍मान प्रदर्शित करने का अवसर है। हम सब लोगों को महिलाओं की सुरक्षा और सम्‍मान सुनिश्चित करने का संकल्‍प लेना चाहिए। जिससे वह अपनी आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में निर्बाध रूप से आगे बढ़ती रहें।समारोह में स्वच्छ भारत- भारत की स्वच्छता कहानी की एक विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की गई। यह लघु फिल्म स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण भारत में हुए व्यापक व्यवहार परिवर्तन को दिखाती है। महिलाओं ने पचपन करोड़ से अधिक लोगों को खुले में शौच की पुरानी प्रथा से दूर करने के लिए भूमिका निभाई है। भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट मोहना जीतवाल,अवनी चतुर्वेदी और भावना कंठ को शक्ति शक्ति पुरस्कार मिला। मिग ट्वेंटी वन में एकल उड़ान भरने वाली पहली भारतीय महिला पायलट भी सम्मानित हुई। मशरूम की खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए उन्हें मशरूम महिला के रूप में जाना जाता है। वह टेटियाबंबर ब्लॉक के धौरी पंचायत की सरपंच हैं। एक सौ तीन साल की मन कौर को एथलेटिक्स में उनकी उपलब्धियों के लिए नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया। कश्मीर के आरिफा जान ने नुम्दा हस्तकला को पुनर्जीवित किया है। उन्हें वनों की रक्षा,स्थानीय वन्यजीवों और स्थानीय लोगों की आजीविका में सुधार के लिए झारखंड की लेडी टार्जन भी कहा जाता है।
वह एक महिला राज मिस्त्री और उत्तर प्रदेश के कानपुर में खुले में शौच को कम करने की दिशा में एक प्रेरक शक्ति हैं। उन्होंने कानपुर और उसके आसपास के गांवों में चार हजार से ज्यादा शौचालय बनाने में अहम भूमिका निभाई। कोलकाता की कौशिकी चक्रवर्ती को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया। वह एक भारतीय शास्त्रीय गायिका हैं और खयाल और ठुमरी की प्रतिपादक हैं। निलजा एक उद्यमी हैं जो अलची रसोई रेस्तरां चला रही हैं। रेस्तरां पारंपरिक लद्दाखी व्यंजनों को परोसने वाला पहला रेस्तरां है जिसमें कुछ उत्तम और विस्मृत व्यंजनों को शामिल किया गया है। वह साल से एक मोटर वाहन और आर एंड डी पेशेवर हैं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है और ऑटो उद्योग में महिलाओं के रोजगार अनुपात को बढ़ाने में मदद की है।

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